प्रयागराज ब्यूरो । रेलवे ने अपने पैसेंजर्स को यह तोहफा दिवाली से ठीक पहले दिया है। अलग बात है कि इसका फायदा पैसेंजर्स को न्यू इयर और कुंभ के दौरान प्रयागराज विटिज करने का प्लान करने पर मिलेगा। आने वाले दिनों में आयोजित होने वाले त्योहारों में भी इसका फायदा पैसेंजर्स उठा सकेंगे। एक्चुअली रेलवे ने टिकटों की अग्रिम आरक्षण अवधि में चेंज कर दिया है। गुरुवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
कैंसिल होते थे टिकट
बता दें कि पहले अग्रिम टिकट बुकिंग यात्रा से 120 दिन पहले करायी जा सकती थी। इसमें टिकट बुक कराने वाले ज्यादातर स्कूलों से जाने वाले एजुकेशन टूर, लगन और त्योहार के मौके पर होमटाउन पहुंचने वाले पैसेंजर्स ज्यादातर इस्तेमाल करते थे। करीब चार महीने पहले ट्रेवल प्लान करके टिकट बुक करा लेने का नतीजा होता था कि बड़ी संख्या में पैसेंजर्स को लास्ट ऑवर्स में अपना ट्रेवल प्लान कैंसिल करना पड़ता था। इसके चलते उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता था। लास्ट ऑवर्स में ऐसा होने के चलते रेलवे को भी नुकसान उठाना पड़ता था। ऐसा इसलिए क्योंकि कितने दिन पहले टिकट कैंसिल कराने पर कितना पैसा रेलवे को लौटाना पड़ेगा? इसकी पॉलिसी तय है। इससे लास्ट ऑवर्स में सीटें खाली रह जाती थीं और जरूरतमंद पैसेंजर्स टिकट के लिए परेशान होते थे।
क्यों लेना पड़ा फैसला
21 फीसदी टिकट एवरेज कैंसिल होते थे प्री बुकिंग वाले
05 फीसदी तक पैसेंजर्स यात्रा लास्ट ऑवर्स में कैंसिल कर देते थे
कई मामलों में, यह देखा गया है कि यात्री अपने टिकट निरस्त नहीं करते हैं और यात्रा पर नहीं आते हैं।
इससे यात्री के स्थान पर दूसरे यात्री के यात्रा करने एवं भ्रष्ट आचरण की सम्भावन बनी रहती है।
अब, इसे रोका जा सकता है। लंबी अवधि के साथ कुछ लोगों द्वारा टिकट ब्लोकिंग की संभावना अधिक हो जाती है।
छोटी अवधि वास्तविक यात्रियों द्वारा अधिक टिकट खरीदने को प्रोत्साहित करेगी।
अवधि का सामान्य श्रेणी के टिकटों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि वे यात्रा से ठीक पहले खरीदे जाते हैं।
कम निरस्तीकरण और नो-शो के कारण मांग की बेहतर दृश्यता के साथ, रेलवे पहले से ही अधिक विशेष ट्रेनों की योजना बना सकता है।
बदलते रहे हैं नियम
रेलवे की अग्रिम आरक्षण अवधि में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं।
अग्रिम आरक्षण अवधि 30 दिन से लेकर 120 दिन तक की रही है।
अनुभव के आधार पर, यात्रियों की दृष्टि से 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि सबसे उपयुक्त मानी गयी है।
विभिन्न समय अन्तराल पर अग्रिम आरक्षण की अवधि
अप्रैल, 1981 से जनवरी, 1985 तक 120 दिन रही
01.02.1985 से 31.08.1988 तक 90 दिन रही
01.09.1988 से 30.09.1993 तक 60 दिन रही
01.10.1993 से 30.06.1995 तक 45 दिन रही
01.09.1995 से 31.01.1998 तक 30 दिन रही
01.02.1998 से 28.02.2007 तक 60 दिन रही
01.03.2007 से 14.07.2007 तक 90 दिन रही
15.07.2007 से 31.01.2008 तक 60 दिन रही
01.02.2008 से 09.03.2012 तक 90 दिन रही
10.03.2012 से 30.04.2013 तक 120 दिन रही
01.05.2013 से 31.03.2015 तक 60 दिन रही
01.04.2015 से 31.10.2024 तक 120 दिन रही है।
यह फैसला रेलवे बोर्ड की तरफ से लिया गया है। इसका फायदा रेलवे को इस सेंस में होगा कि वह स्पेशल ट्रेन प्लान कर सकेगा। पैसेंजर्स को भी फायदा होगा कि वे समय और जरूरत के अनुसार ट्रेवल प्लान कर सकेंगे। यात्रा रद्द करने जैसा फैसला लेना उनकी मजबूरी नहीं रहेगी।
अमित मालवीय
पीआरओ, एनसीआर