प्रयागराज ब्यूरो । डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं के नाम पर छह करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। यह राज डाक अभिकर्ता निखिल श्रीवास्तव की मौत के बाद खुला। इस मामले में एक पोस्टमास्टर सहित 12 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। जांच टीम ने शुक्रवार को आरोपित की बहन और पत्नी का बयान दर्ज किया। दोनों ने निखिल द्वारा करोड़ों रुपये के गबन की जानकारी होने से इन्कार कर दिया। हालांकि, उनकी यह बात जांच टीम के गले नहीं उतरी है।

पैसा लेकर नहीं खुलवाया खाता

शहर के दारागंज में रहने वाला निखिल श्रीवास्तव गल्ला मंडी स्थित डाकघर में अभिकर्ता था। दो माह पहले उसकी मौत हो गई। इसके बाद पता चला कि उसने किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र, मंथली इन्कम स्कीम आदि योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया। बड़ी संख्या में लोगों से रुपये लिए, लेकिन उनका खाता डाकघर में नहीं खुलवाया। फर्जी पासबुक व अकाउंट नंबर देकर लोगों को गुमराह करता रहा। उसकी मौत के बाद यह मामला डाक निदेशक गौरव श्रीवास्तव के पास पहुंचा तो उच्चाधिकारियों को जानकारी दी। यह मामला जब मीडिया के द्वारा सुर्खियों में आया तो फिर आनन-फानन जांच के लिए सात सहायक डाक अधीक्षकों (एएसपी) की टीम गठित की गई।

पोस्ट मास्टर से लेकर खजांची तक पर कार्रवाई

बुधवार शाम पहली जांच रिपोर्ट मिलने पर दारागंज डाकघर के पोस्टमास्टर पीएस दुबे, पूर्व पोस्टमास्टर एके सिन्हा, कैशियर गंगाराम, बाबू आकाश दुबे, प्रणव, सूरज निषाद, धीरेंद्र गुप्ता, पूर्व खंजाची तीर्थराज समेत 12 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। वहीं शुक्रवार को जांच टीम ने निखिल की बहन व एजेंसी संचालिका नीति श्रीवास्तव का बयान दर्ज किया। उसने बताया कि 2018 में भाई निखिल की एजेंसी रद हो गई थी। इसके बाद निखिल ने उसके नाम से एजेंसी ले ली थी। वह किससे कितने रुपये लेता व देता था, वही जानता था। वह तो कभी पोस्ट आफिस ही नहीं गई। उसे इस बारे में कुछ पता नहीं है।

घर पर पैसे पहुंचाती थी पब्लिक

जांच टीम ने उससे यह पूछा कि खाते की पासबुक किसके पास रहती थी तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। निखिल की पत्नी गौरी ने बताया कि पति उससे डाकघर से संबंधित बात नहीं करते थे। वह ग्राहकों की पासबुक घर में रखते थे। लोग घर आकर रुपये देते थे। पासबुक भी यहीं से ले जाते थे। फार्म भी निखिल घर में लोगों से भरवाता था। लोगों से रुपये लेकर वह कहां खर्च करता था, इसकी जानकारी नहीं है। टीम ने उससे पूछा कि उसके बैंक व डाकघर में खाते कहां हैं तो संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद निखिल की मां से भी टीम ने बातचीत की, लेकिन वह कुछ बोलने को तैयार नहीं हुईं। फिलहाल जांच टीम नीति व गौरी के बयान से संतुष्ट नहीं है। डाक निदेशक गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि मृतक की बहन और पत्नी का बयान दर्ज कर लिया गया है, मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।