तीन पेज में केवल एक सवाल लिखने की छूट से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स पर पड़ेगा असर

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी होने के साथ ही परीक्षाओं के पैटर्न को लेकर भी बदलाव किया गया है। यूनिवर्सिटी की ओर से वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाओं के दौरान सिर्फ चार क्वैश्चन अटेम्प्ट करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही प्रत्येक प्रश्न के लिए तीन पेज भी निर्धारित किए गए है। स्टूडेंट्स को अपने क्वैश्चन का आंसर इन्हीं चार पेज में ही समेटना होगा। ऐसे में अभी तक प्रश्न की जरूरत के अनुसार जहां स्टूडेंट्स मनचाहे शब्दों में अपनी बात को समझाते थे। वहीं अब उन्हें लिमिटेड शब्दों का यूज करते हुए अपने बातों को रखना होगा। स्टूडेंट्स ने इसकी प्रैक्टिस भी शुरू कर दी, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स इस निर्णय को ठीक नहीं मानते है।

अधिक शब्दों की छूट जाएगी प्रैक्टिस

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी की परीक्षा के लिए शार्ट में लिखने की प्रैक्टिस कर रहे हैं। जबकि आगे अभी कई प्रतियोगी परीक्षाएं होनी है। जिसमें अधिक लिखने के लिए कहा जाएगा। अभी तक वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी के साथ ही आसानी से प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करने में आसानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। जिसका सीधा असर स्टूडेंट्स की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी पर पड़ेगा।

स्पीड पर भी पड़ेगा असर

सिर्फ चार प्रश्नों को तीन पेज में करने के लिए मिले समय को देखा जाए तो प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान प्रश्नों की संख्या के हिसाब से कम समय मिलेगा। जबकि यूनिवर्सिटी में अधिक समय मिलेगा। दोनों में अगर तुलना करें तो प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अधिक स्पीड चाहिए, जबकि इस बार के यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में अधिक समय प्रति प्रश्न के हिसाब से मिल रहा है। दोनों की अलग-अलग स्पीड का असर सीधे स्टूडेंट्स की तैयारी पर असर डालेगा।

प्रतियेागी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स पर इसका असर पड़ेगा। क्योकि दोनों ही परीक्षाओं में काफी अंतर होगा।

हरेन्द्र यादव

एमए फाइनल

यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षाओं में अधिक समय में कम सवाल का जवाब देना होगा। जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसा नहीं होगा। इसलिए दोनों में अंतर है।

मसूद अंसारी

बीए फाइनल

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ अभी तक यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की तैयारी भी हो जाती थी। लेकिन अब दोनों के लिए अलग-अलग प्रैक्टिस करनी होगी

गोलू पासवान

एमए

कई प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन आने वाले दिनों में होना। अभी हम सभी यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं के साथ अपनी तैयारी भी कर लेते थे। लेकिन अब अलग-अलग स्ट्रैटिजी बनानी पड़ेगी।

नवनीत यादव

एलएलबी फाइनल