प्रयागराज ब्‍यूरो। ठंड में लगातार इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को दिन का तापमान 10 डिग्री के आसपास रहा। इसकी वजह से गलन बढ़ गई। बर्फीली हवाओं ने लोगों के रोंगटे खड़े करने का काम किया। ऐसे में मेडिकल कॉलेज का आईसीसीयू वार्ड पूरी तरह से फुल रहा। डॉक्टर्स ने बताया कि पिछले 15 दिनों में रोजाना 10 से 15 नए एडमिशन हो रहे हैं। इनमें हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर के मरीजों की संख्या अधिक है।

किसी भी उम्र में पड़ रहा अटैक

सीजन में हार्ट अटैक के मामले बढऩा चिंता की बात है। इससे ज्यादा चिंता का विषय है यंग जनरेशन का इस बीमारी की चपेट में आना है। डॉक्टर्स की माने तो जीवन शैली का अनियमित होना सबसे बड़ा कारण है। यंगस्टर्स अपनी फिटनेस को लेकर अवेयर नही हैं। केस एनालिसिस में पता चलता है कि मरीज एक्सरसाइज नही करते हैं। ऑयली फूड अधिक खा रहे हैं। उनकी लाइफ में तनाव बहुत ज्यादा है। इन कारणों की वजह से 30 से 40 साल के बीच की यंग जनरेशन भी जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रही है।

हार्ट फेल्योर से रहिए होशियार

इतना ही नही, पिछले 15 दिन में ठंड बढऩे के साथ हार्ट फेल्योर के मरीजों की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है। ऐसे 130 से अधिक मरीजों को आईसीसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है। इन मरीजों को पहले हार्ट अटैक पड़ चुका है और अब ठंड अधिक होने से उनको सांस फूलने, घबराहट और सीने में दर्द जैसी शिकायत हो रही है। ऐसे मरीजों को तत्काल इलाज देकर संयमित रहने की सलाह दी जा रही है।

गोल्डन आवर्स में नहीं मिला इलाज तो जान का खतरा

हार्ट अटैक पडऩे के बाद शुरुआती एक घंटे सबसे ज्यादा अहम माने जाते हैं। अगर इस दौरान मरीज को उचित इलाज नही मिला तो दिक्कत हो सकती है। मेडिकल कॉलेज में इस गोल्डन आवर में इलाज नही मिलने से हार्ट अटैक के पांच फीसदी मरीजों की जान भी जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक हार्ट अटैक पडऩे के तत्काल बाद मरीज को खून पतला करने वाला इंजेक्शन दिया जाता है। अगर यह समय रहते लग गया तो 60 से 70 फीसदी मरीज स्थिर हो जाते हैं।

मार्निंग वाक से बचें

मौसम विभाग के अनुसार अगले एक सप्ताह तक गलन बढ़ सकती है। ऐसे में जो लोग मार्निंग वाक करते हैं वह कोहरा होने पर घर से न निकलें। संभव हो तो धूप निकलने का इंतजार किया जाए। वह बंद कमरे मे ही योगा और एक्सरसाइज कर सकते हैं। बता दें कि पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों में ठंड का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए लोगों को एक्सपोजर से बचना होगा।

हार्ट अटैक के लक्षण

- सीने में दर्द

- सीने में जकडऩ या छीक आना

- हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द

- ठंडा पसीना

- जी मिचलाना

- हार्ट बर्न या पेट दर्द

- सांसों में कमी

- थकान

- चक्कर आना या प्रकाशहीनता

बचाव

- शुगर है तो उसके लेवल को मेंटेन रखना

- ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराना

- हार्ट अटैक के दौरान इलाज नही मिलने तक शांत रहना और धीमी व गहरी सांस लेना

- रोजाना आधे से एक घंटे व्यायाम करना

- मार्निंग वॉक

- तैलीय खाने से बचना

- धूम्रपान या शराब से बचना

- तनाव से दूर रहना

आईसीसीयू वार्ड फुल हो चुका है। पिछले पंद्रह दिन से मरीजों की संख्या बढ़ी है। ठंड में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मेरी अपील है कि लोग ठंड से घर से अधिक बाहर न निकलें। हेल्दी और पौष्टिक खाएं और नियमित एक्सरसाइज करें।

डॉ अभिषेक सचदेवा, कार्डियोलाजी विभाग एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज