हिन्दुस्तानी एकेडमी में मना 94वां स्थापना दिवस
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PRAYAGRAJ: हिन्दुस्तानी एकेडमी में बुधवार को स्थापना दिवस एवं विद्व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। एकेडमी के गांधी सभागार में आयोजित हुए कार्यक्रम की शुरुआत एकेडेमी पुस्तकालय में शासन द्वारा नामित कार्य समिति एवं सामान्य कार्य परिषद के सदस्यों की बैठक से हुई। जिसमें सबसे पहले कार्य समिति की सदस्य डॉ। आभा द्विवेदी (कानपुर) एवं सामान्य कार्य परिषद के सदस्यों डॉ। दीप सौरभ सिंह (बिजनौर), नागरदास मिश्र (बस्ती), डॉ। हृदय नारायण अवस्थी (औरेया), डॉ। रामजी मिश्र (प्रयागराज), राजबहादुर सिंह (आगरा), प्रो। सुरेन्द्र प्रताप सिंह (वाराणसी), अनिरुद्ध गोयल (मेरठ), एवं किरन श्रीवास्तव (लखनऊ) का सम्मान किया गया। इस दौरान उन्हें स्मृति चिन्ह, शाल एवं माला पहनाकर एकेडमी के अध्यक्ष डॉ। उदय प्रताप सिंह ने सम्मानित किया।
विद्व सम्मान में जुटी 11 विभूतियां
एकेडमी के स्थापना दिवस एवं विद्व सम्मान समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मंचासीन चीफ गेस्ट कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह एवं एकेडेमी के अध्यक्ष डॉ। उदय प्रताप सिंह द्वारा 11 विद्व विभूतियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाली विभूतियों में देवेन्द्र दीपक, डॉ। कमलेश दत्त त्रिपाठी, डॉ। लक्ष्मीशंकर गुप्त, डॉ। कन्हैया सिंह, डॉ। त्रिभुवननाथ शुक्ल, डॉ। अमलधारी सिंह, डॉ। कामेश्वर उपाध्याय, गुलाब सिंह, डॉ। जितेन्द्र कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह, शॉल एवं माला पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ। उदय प्रताप सिंह ने इस मौके पर कहा कि हिन्दुस्तानी एकेडेमी हिन्दी, उर्दू, अवधी, बुन्देली, ब्रजभाषा के विकास एवं संरक्षण के लिये निरंतर प्रयासरत है। इसे हम एक मानक संस्था के रूप में बनाना चाहते हैं। एकेडेमी प्रतिवर्ष 11 विद्वानों का सम्मान करती हैं। इस वर्ष पूरे देश भर के विद्वानों में से 11 विद्वानों को सम्मानित किया जा रहा है।
महान हस्तियों का जुड़ाव रहा
चीफ गेस्ट सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि संस्था से महान हस्तियों का जुड़ाव रहा है। इस पवित्र स्थल से पंत, महादेवी, अकबर इलाहाबादी, निराला जैसे विद्वान जुड़े रहे। पूर्व कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह ने एकेडमी की स्थापना पर विकास डाला। कार्यक्रम में अतिथियों का धन्यवाद करते हुए एकेडेमी के कोषाध्यक्ष पायल सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ। विनम्रसेन सिंह ने किया। इस मौके पर कई गणमान्य व साहित्य से जुड़े लोग शामिल हुए।