- कार्यकारिणी के समक्ष नगर निगम और जलकल का बजट पास
- महापौर की अध्यक्षता में आठ घंटे चली कार्यकारिणी की विशेष बैठक
- होली के पहले सदन की पटल पर रखा जा सकता है अनुमानित बजट
वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 11 अरब रुपये से नगर के विकास कार्य होंगे। जिसके लिये शुक्रवार को नगर निगम में कार्यकारिणी समिति की विशेष बैठक में नगर निगम एवं जलकल का मूल आय बजट कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा कुछ बदलाव के साथ सर्व सम्मति से पास किया गया। महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी की अध्यक्षता में चली आठ घंटे बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। अब यह बजट सदन के पटल पर पेश किया जायेगा। उम्मीद है कि होली से पूर्व सदन की विशेष बैठक बुलायी जायेगी। नगर निगम के लिये वर्ष की कुल अनुमानित व्यय आठ अरब 95 करोड़ 77 लाख, 56 हजार रुपये रखा गया है। प्रारम्भिक अनुमानित अवशेष 64 करोड़ और प्रारम्भिक अवशेष सहित वर्ष की कुल अनुमानित आय आठ अरब, 95 करोड़ 69 लाख, 12 हजार रुपये बतायी गयी है। साथ ही वर्ष के अंत में कुल संभावित अवशेष एक लाख 56 हजार रुपये है।
करीब दो अरब का है जलकल का व्यय
इसी तरह जलकल में वर्ष के कुल अनुमानित व्यय एक अरब 84 करोड़, 41 लाख, 48 हजार रुपये रखा गया है। अनुमानित प्रारम्भिक अवशेष एक करोड़ 80 लाख, 89 हजार, 678 रुपये बताया गयी है। साथ ही वर्ष की कुल अनुमानित आय एक अरब 84 करोड़ 41 लाख, 48 हजार रुपये है। वर्ष के अंत में एक करोड़ 56 लाख, 58 हजार, 678 रुपये कुल संभावित अवशेष है। इस मौके पर महापौर ने निगम क्षेत्र के कोचिंग सेंटरों, अस्पतालों, व्यवसायिक संस्थानों आदि के पास पाìवसग की व्यवस्था होने का निर्देश दिया। अगर ऐसा नहीं है तो जुर्माना वसूलने की काररवाई के साथ अस्पतालों में बेड की संख्या की जांच के भी आदेश दिये।
कोरोना से गृहकर में 75 नहीं, 35 फीसदी वृद्धि
गृहकर निर्धारण के लिये मासिक किराये की दरों में 75 फीसदी की वृद्धि का प्रावधान करीब दो वर्ष पूर्व रखा गया था। लेकिन मार्च 2020 में कोरोना के पांव पंसारते ही वृद्धि रोक दी गयी। इस मुद्दे को कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने उठाया और सुझाव दिया कि इसमें लोगों को राहत प्रदान की जाय। जिस पर निर्णय लिया गया कि अब गृहकर निर्धारण के लिये मासिक दरों में 35 फीसदी की वृद्धि की जायेगी। इसके अलावा लाइसेंस शुल्क(होìडग्स, बैनर) पिछले वित्तीय वर्ष कोरोना के दृष्टिगत शुल्क नहीं बढ़ाया जो इस वर्ष बढ़ाया जायेगा।
दैवीय आपदा पर एक करोड़ सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय
कार्यकारिणी समिति के सामने दैवीय आपदा(कोरोना जैसी महामारी) के लिये इस वर्ष एक करोड़ रुपये का पंसड रखने के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये। बताया गया कि जिन क्षेत्रों में जियो कंपनी द्वारा बिना अनुमति के गड्ढा खोदकर खंभे लगाये जा रहे हैं, तत्काल जुर्माना करते हुये कार्य रुकवाया जाय। दाखिल खारिज के कार्यो में प्रकाश व्यय तीन सौ रुपये के स्थान पर पांच सौ रुपये किया गया। ठेकेदारों द्वारा अत्याधिक बिलो रेट टेंडर डालकर टेंडर हथियाने का प्रयास किया जाता है, जिसमें ठेकेदारों को कार्य करने से पूर्व उच्च गुणवत्ता के प्रमाण देने होंगे। नगर निगम सफाई कर्मचारी और चालकों को ड्रेस कोड किया जाय। सड़क, नाली और गली मरम्मत का कार्य 35 करोड़ से बढ़ाकर 65 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। जलकल विभाग कुर्की की प्रक्रिया अपनाते हुये जलकर की वसूली करायी जायेगी। नगर निगम और जलकल के सभी जोन कार्यालयों में आरओ वाटर के लिये पांच लाख रुपये का प्रस्ताव रखा गया था। जिस पर बदलाव करते हुये दस लाख रुपये का प्रस्ताव रखा गया।
तीन सौ की जगह अब पार्षदों को मिलेगा दो हजार
कार्यकारिणी हो या फिर सदन की बैठक। जिसमें हिस्सा लेने वाले पार्षदों को तीन सौ रुपये दिया जाता है। महापौर ने इसे बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दिया। सीमा विस्तार में आये गांव खासकर झूंसी और नैनी में पेयजल पाइप लाइन बिछाने के लिये महापौर ने दो करोड़ रुपये स्वीकृत किया। जिसमें एक करोड़ रुपये 15वें वित्त से दिया गया है। मोरी गेट बाढ़ पंपिंग स्टेशन पर दो नये पंप लगाने के लिये करीब छह करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी रखा गया है। इसके अलावा नगर निगम और जलकल के कई मदों के लिये बजट रखा गया है।
हस्तानांतरित कालोनियों के विकास में प्रमाणपत्र जरूरी
कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने पीडीए द्वारा नगर निगम को हस्तानांतरित कालोनियों के विकास कार्यां में पार्षदों को प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा, अन्यथा भुगतान न किया जाय। अखिलेश सिंह ने बताया कि पीडीए से झलवा, कालिंदीपुरम, देव प्रयागम, शांतिपुरम और झूसी, नैनी की कालीनियों को नगर निगम को हस्तानांतरित करने के साथ उसके विकास कार्यो के लिये बजट भी दिया है। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष के इस सुझाव पर भी सहमति बनी।