यूपी बोर्ड ने पहले मांगी थी 10वीं के हाफइयरली और प्री-बोर्ड रिजल्ट की डिटेल
बुधवार को किया गया चेंज, अब कक्षा नौ के फाइनल के रिजल्ट का डिटेल मांगा
यूपी बोर्ड का इतिहास बदलने जा रहा है। बोर्ड ने सपुस्तक परीक्षा प्रणाली लागू कर दी लेकिन कभी बिना परीक्षा लिए दसवीं की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट डिक्लेयर नहीं किया था। बोर्ड में जिस तरह से एक्टिविटी चल रही हैं और डिटेल डीआईओएस से मांगे जा रहे हैं, उससे तय है कि 10वीं के छात्र प्रमोट ही किये जाएंगे। बुधवार को इससे जुड़ा एक और नया डेवलपमेंट सामने आने के बाद यह संकेत मिला है कि दसवीं के छात्रों को प्रमोट करने का बेस नौवीं के रिजल्ट को बनाया जा सकता है। हालांकि यह टाइम भी कोरोना से प्रभावित रहा है। इस लेकर मतभेद हो सकते हैं लेकिन बोर्ड सचिव का कहना था कि कोरोना के चलते लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही होम एग्जाम कम्प्लीट करा लिया गया था। छात्रों को रिजल्ट भी बांटे गये थे।
नहीं है प्री बोर्ड की परंपरा
यूपी बोर्ड से एफीलिएटेड स्कूलों में वैसे तो सभी क्लासेज में हाफइयरली और इयरली एग्जाम कराने का प्रावधान है। बाकी क्लासेज में इसे सीरियसली कंडक्ट भी कराया है। लेकिन, चूंकि 10वीं और 12वीं का रिजल्ट बोर्ड के अंकों पर ही डिपेंड करता है, इसलिए न तो इन कॉलेजेज में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं पर सीरियस वर्क होता है और न ही स्टूडेंट इसे सीरियसली लेते हैं। इन दोनों क्लासेज में प्री बोर्ड को लेकर भी ऐसी ही कहानी है। रेप्युटेशन के लिए काम करने वाले स्कूले तो छात्रों की बेहतर तैयारी के लिए प्री बोर्ड और हाफइयरली एग्जाम कंडक्ट कराते हैं। इसी के आधार पर वे बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों पर मेहनत करते हैं। यूपी बोर्ड के कुछ स्कूल तो एग्जाम से कुछ दिन पहले स्कूल कैंपस में ही छात्रों को रोक कर तैयारी कराते हैं ताकि छात्रों का रिजल्ट बेहतर हो जाए।
तीन दिन में तीन नई डेट
17 मई को यूपी बोर्ड के सचिव ने प्रदेश के सभी डीआईओएस को लेटर जारी करके 10वीं के छात्रों का अर्द्धवाषिक और प्रीबोर्ड परीक्षा का डिटेल अपलोड करने का निर्देश दिया था।
18 मई को शाम पांच बजे तक सभी डीआईओएस को अपडेट करने था डाटा
डाटा नहीं मिला तो साइट पर डाटा अपलोड करने की डेट बढ़ाकर 20 मई कर दी गयी थी
19 मई को डेट फिर से रिवाइज कर दी गयी। अब डाटा अपलोड करने की डेट 24 मई तय कर दी गयी है
पहले 10वीं की हाफइयरली परीक्षा और प्री बोर्ड में मिले अंक अपलोड किये जाने थे
बुधवार को जारी नोटिफिकेशन में 10वीं के छात्र को 9वीं में मिले अंक की डिटेल अपलोड करने को कहा गया है
होता तब न देते डाटा
दसवीं के छात्रों को प्रमोट करने के लिए कक्षा नौ में मिले अंकों को बेस बनाने का भी कारण है। एक्चुअली बोर्ड हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं हर साल कराता रहा है इसके सिवा उसके पास वार्षिक व अर्द्धवार्षिक परीक्षा का कोई रिकॉर्ड नहीं था। इसी के चलते हाईस्कूल की छमाही व प्रीबोर्ड परीक्षाओं के अंक को बेस बनाने का फैसला हुआ। इसके बाद स्कूलों की तरफ से फीड बैक गया कि अक्टूबर व नवंबर में स्कूल पाबंदियों के बीच खुले थे। इससे छमाही परीक्षा ज्यादातर स्कूलों में हुई ही नहीं। प्रीबोर्ड कराने में भी प्रदेश के कुछ सैकड़ा स्कूलों ने ही दिलचस्पी दिखाई। ज्यादातर के पास इन दोनों परीक्षाओं का कोई डाटा ही नहीं है। इसके बाद शासन के निर्देश पर बुधवार को यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने नया आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि कक्षा नौ की वार्षिक परीक्षा पिछले साल स्कूलों में हुई थी। विषयवार लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षा के पूर्णाक व प्राप्तांक परिषद की वेबसाइट पर 24 मई तक अपलोड कर दिया जाए।
इस तरह से देनी होगी डिटेल
रिटेन एग्जाम के लिए 70 मार्क्स
प्रोजेक्ट वर्क 30 मार्क्स
प्रत्येक सब्जेक्ट की सेपरेट होगी डिटेल
29.94
लाख है 10वीं में रजिस्टर्ड छात्रों की संख्या
02
बार परीक्षा की डेट चेंज कर चुका है यूपी बोर्ड
03
बार बदली जा चुकी है रिकॉर्ड अपलोड करने की डेट
24
मई तक बोर्ड की साइट पर अपलोड करनी है छात्रों की नवीं की परफारमेंस
सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को टॉप प्रायोरिटी पर इस काम को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। डिटेल अपलोड करने के लिए सभी को 24 मई तक का मौका दिया गया है। 9वीं और 11वीं के सभी छात्रों को पिछले साल अंक पत्र वितरित किया गया था।
दिव्यकांत शुक्ला
सचिव, यूपी बोर्ड