आगरा(ब्यूरो)। Guru Purnima 2023: गोवर्धन में मुडिय़ा मेले के इन पांच दिनों में गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का विशेष महत्व है। आज भी गौड़ीय संप्रदाय के अनुयायी अपना सर मुंडवाकर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं और मानसी गंगा में स्नान और आचमन कर परिक्रमा समाप्त करते हैं। मुडिय़ा पूर्णिमा मेले के दौरान गौड़ीय संप्रदाय के अनुयायी मंदिर से एक शोभायात्रा निकालते हैं। मुडिय़ा मेले में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर प्रशासन के निर्देश पर पंचायती राज विभाग ने कमर कस ली है। डीपीआरओ ने गोवर्धन मेला क्षेत्र को 28 सेक्टरों में बांटते हुए कुल 419 सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई है। यह सफाईकर्मी मेले के दौरान तीन पालियों में काम करेंगे। यदि आवश्यकता हुई तो रिजर्व में लगे 122 सफाईकर्मियों को भी तैनात किया जा सकेगा। मेले में ड्यूटी 26 जून से प्रारंभ हो जाएगी, जो पांच जुलाई तक चलेगी।
300 अतिरिक्त बसों का संचालन
वहीं 27 जून से 4 जुलाई तक आयोजित होने वाले मुडिय़ा पूर्णिमा मेले के लिए यूपी रोडवेज ने भी तैयारी पूरी कर ली हैं। इस दौरान रोडवेज आगरा- मथुरा के लिए करीब 300 अतिरिक्त बसों का संचालन कर रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश में मेले के लिए 1200 बसें लगाई गई है। परिवहन निगम आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रह्म प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि मुडिय़ा पूर्णिमा के मेले के लिए 300 बसों की व्यवस्था की गई है। मथुरा को 6 सेक्टर में बांटा गया है। पार्किंग से लेकर चेक पोस्ट व अन्य व्यवस्था की गई है, जहां से यह सभी बसें संचालित होंगी। मेले के दौरान रेल द्वारा सर्वाधिक श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में रेलवे के समय के अनुसार बसों की समय सारणी तय की गई है। बसों के लिए जाने का रास्ता मथुरा, अडींग गोवर्धन तय किया गया है और वापसी में बसें गोवर्धन, सौंख और मथुरा के रास्ते चलेंगी।
सुरक्षा की पुख्ता तैयारी
गोवर्धन के मुडिय़ा मेले में आने वाले लाखों तीर्थ यात्रियों को मथुरा जंक्शन और गोवर्धन स्टेशन पर सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए रेलवे ने भी तैयारी पूरी कर ली है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए आरपीएफ ने 25 कमांडों का चयन किया है। इसके लिए उन्हे विशेष ट्रेनिंग दी गई है। ट्रेनिंग में बताया गया कि उन्हें किस प्रकार से दंगे पर काबू पाना है या फिर प्रदर्शन कर रहे असामाजिक तत्वों और उत्पात कर रहे लोगों पर कैसे नियंत्रण रखना होगा। आगरा रेल मंडल की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आरपीएफ के जवानों को पांच दिन की ट्रेनिंग दी गई है। शांति बनाए रखने के उद्देश्य से जीआरपी तथा आरपीएफ द्वारा प्लेटफार्म पर मौजूद रहने वाले ऐसे लोगों को हटाया जाएगा जो भिखारी है या फिर इसकी आड़ अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं।