आगरा(ब्यूरो)। हाथी घाट पर यमुना किनारों को छूने लगी तो मोतीगंज थोक अनाज बाजार के व्यापारियों की धड़कन तेज हो गईं। दोपहर तक यमुना जलस्तर स्थिर हो गया। गोकुल बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में कमी आई है, जिससे शुक्रवार से जलस्तर कम होने लगेगा।
2.41 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया
शनिवार को हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया 2.41 लाख क्यूसेक पानी आगरा पहुंच गया है। यमुना ने बुधवार को खतरे के निशान 150.87 मीटर को पार कर दिया था, जिसके बाद जलस्तर में निरंतर वृद्धि होती जा रही थी। गुरुवार सुबह कैलाश गांव की गलियों में पानी घुसना शुरू हुआ तो लोग भयभीत हो गए। हाल ही में जलस्तर मीडियम फ्लड लेवल को पार गया था, जिससे चार फीट तक पानी भर गया था और 35 से अधिक परिवारों को पलायन करना पड़ा था।
जलस्तर डरा रहा
क्षेत्र में रहने वाले विनय ने बताया कि पानी बढ़ता देख भय सता रहा है। पिछले दिनों काफी लोगों का सामान खराब हो गया था। पोइयाघाट मोक्षधाम में भी पानी एक बार फिर प्रवेश कर गया। घाट के निकट की फसलें खराब हो गई हैं। खासपुर और आसपास के क्षेत्र में गत दिनों आई बाढ़ से बची फसलें जलमग्न हो गई हंै। किसान माता प्रसाद ने बताया कि बाजरा और सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किशोर ने बताया कि पशुओं के लिए चारा भी नहीं बचा है। बुर्जी में रखा भूसा सड़ गया है। दयालबाग स्थित राजश्री एस्टेट के मुख्यद्वार के निकट किनारे तक पानी आ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी किनारे से लगे खेतों में पानी घुसने लगा है। ङ्क्षसचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शरद सौरभ गिरी ने बताया कि जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन अब स्थिर हो गया है। शुक्रवार से जलस्तर में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।
ये है यमुना का जलस्तर
- यमुना का जलस्तर, 151.51 मीटर
- खतरे का निशान, 150.87 मीटर
- अधिकतम पहुंचा था, 152.18 मीटर
- मीडियम फ्लड लेवल, 152.09 मीटर
- हाई फ्लड लेवल, 154.83 मीटर
जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन अब स्थिर हो गया है। शुक्रवार से जलस्तर में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।
शरद सौरभ गिरी, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग