आगरा(ब्यूरो) वहीं कैलाश गांव, बल्केश्वर समेत विभिन्न क्षेत्रों में गुरुवार को अपने घरों की सफाई करते रहे। गाद और कीचड़ साफ करने में उनको खासी मशक्कत करनी पड़ी।
नदी से सटे एरिया में विशेष फोकस
नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि नदी का जलस्तर घट रहा है। ऐसे में यमुना किनारे से सटे क्षेत्रों में विशेष फोकस किया जा रहा है। जहां भी जलभराव हुआ है, वहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। एंटी लार्वा और फॉगिंग कराई जा रही है। इससे जलभराव से मच्छर न पनप सकें। इसको लेकर टीमें लगाई गई हैं। टीम की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में प्रॉपर एंटी लार्वा का छिड़काव करने के साथ फॉगिंग की जा रही है।
पाइपलाइन भी होंगी चेक
यमुना किनारा से सटे जिन क्षेत्रों में जलभराव हुआ, वहां से पाइपलाइन भी गुजरती हैं। जलभराव से इन्हें कोई नुकसान न हुआ हो, इसको लेकर भी एहतियात बरती जा रही है। ताकि गंदा पानी घरों में न पहुंच सके। इसको लेकर भी नगरायुक्त ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
फ्रिज-टीवी खराब, घरों में दरार
वहीं पानी उतरने के साथ प्रभावित क्षेत्रों में मुसीबत सामने आने लगी है। कैलाश गांव के बंगाली गिरी ने बताया कि मकान धंस गया है और बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई है। चार दिनों से नौकरी पर भी नहीं गए हैं। चार कमरों में कीचड़ भरा हुआ है। कपड़ों से लेकर अन्य सामान भीग गया है। इससे बदबू आ रही है। फ्रिज और कूलर खराब हो गए हैं। वहीं क्षेत्र के ही रहने वाले निखिल कुमार ने बताया कि जरूरी सामान निकाल लिया था, लेकिन बाकी सामान घर में ही रहा। हल्के सामान को छत पर पहुंचा दिया गया। क्षेत्रीय निवासी जवल प्रसाद ने बताया कि पांच दिनों से परचून की दुकान में काम करने नहीं गया हूं। गुरुवार को परिवार के साथ घर पहुंचे तो हर कमरे में कीचड़ था। हर सामान भीग गया है। दोबारा सामान खरीदना आसान नहीं होगा। शीतल कुमार ने बताया कि मकान में दरार आ गई है। जमीन का कुछ हिस्सा भी धंस गया है। बदबू के कारण घर में बैठना मुश्किल है। सफाई में दो से तीन दिन तक लगेंगे। शंभू नगर, एत्माद्दौला के मुन्ना लाल ने बताया कि मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। पत्नी चमेली व बच्चों के साथ तिरपाल में रहना पड़ रहा है। मकान की मरम्मत करना आसान नहीं होगा। शिवचरण कुमार ने बताया कि बाढ़ का पानी भरने से एक कमरा धंस गया है। दीवारों में दरार आ गई है। इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से भी की गई है। मोती महल के दीपक कुमार के मकान में दरार पड़ गई है। जूता कारीगर दीपक ने बताया कि काम पर नहीं जा पा रहे हैं। मकान की मरम्मत कराना आसान नहीं होगा। घर में सांप घुस गया था, यह अभी तक नहीं निकला है। न्यू राधा नगर बल्केश्वर के विमल कुमार ने बताया कि चार में दो कमरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तीन दिन से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने खुद छुट्टी ले रखी है। घर में रखा कूलर, फ्रिज में पानी भरने से यह खराब हो गया है। गीतेश्वर ङ्क्षसह ने बताया कि पानी भरने से मकान का एक हिस्सा धंस गया है। तीन कमरों में कीचड़ भरा हुआ है। इसकी सफाई में तीन से चार दिन लगेंगे।
शंभू नगर में गली धंसी
एत्माद्दौला स्थित शंभू नगर में बाढ़ का पानी भरने से गली धंस गई है। क्षेत्रीय निवासी राम ङ्क्षसह ने बताया कि निजी कंपनी ने छह माह पूर्व लाइन बिछाने के लिए खोदाई कराई थी। इसके बाद गली का निर्माण नहीं किया गया।
स्मारकों में गाद जमा
आगरा: मीडियम फ्लड लेवल (499 फीट) को पार करने वाली यमुना का जलस्तर अब कम होने लगा है। तट पर बने स्मारकों के पाश्र्व में गाद जमा हो गई है। ताजमहल के पाश्र्व में बने उद्यान, ताज हेरिटेज कॉरिडोर और मेहताब बाग में यमुना के पानी के साथ गाद पहुंची है। एत्माद्दौला की कोठरियों और रामबाग की सीढिय़ों में तीन फीट की ऊंचाई तक पानी भरा हुआ है। यमुना में आई बाढ़ के बाद मंगलवार को जलस्तर 499.4 फीट तक पहुंच गया था। ताजमहल के पीछे बना उद्यान पूरी तरह जलमग्न हो गया था और स्मारक की उत्तरी दीवार से सटकर यमुना बही थी। गुरुवार को भी उद्यान जलमग्न रहा। ताजमहल की पश्चिमी दिशा में स्थित बाग खान-ए-आलम के पीछे यमुना किनारे बने प्लेटफार्म पर गाद जमा है, जिससे यहां फिसलन की स्थिति है। ताज हेरिटेज कॉरिडोर के कुछ भाग को छोड़कर यमुना का पानी उतर गया है। मेहताब बाग में अष्टकोणीय टैंक को छोड़कर पानी उतर गया है। कॉरिडोर और मेहताब बाग में गाद जमा हो गई है। एत्माद्दौला की यमुना किनारा स्थित कोठरियों में गुरुवार को छह फीट की ऊंचाई तक पहुंचा पानी घटकर तीन फीट के स्तर पर रह गया। रामबाग से सटी सराय व गेटवे में अभी यमुना का पानी भरा हुआ है। महावीर नाला के बैक मारने से आगरा किला के माधवगढ़ में सिल्ट व पॉलीथिन एकत्र हो गई हैं।
नुकसान पर मुआवजे का मरहम जल्द
आगरा: यमुना नदी में आई बाढ़ से हुए नुकसान का जल्द सर्वे शुरू होने जा रहा है। यह सर्वे तहसील सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद और बाह के 90 गांवों में होगा। यह सभी गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। मकानों और झोपड़ी के नुकसान का मुआवजा मिलेगा, जबकि घरेलू सामान या फिर अन्य का कोई भी मुआवजा नहीं मिलेगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि पक्का या फिर कच्चा मकान, झोपड़ी व पशुशाला को अगर नुकसान हुआ है तो सर्वे के बाद मुआवजा मिलेगा।
प्रशासन द्वारा यह मिलेगी आर्थिक सहायता
- पूर्ण क्षतिग्रस्त पक्के व कच्चे मकान, 1.20 लाख रुपए प्रति
- आंशिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान, 6500 रुपए प्रति
- आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे मकान, 4000 रुपए प्रति
- प्रति झोपड़ी, आठ हजार रुपए
- मकान से संबद्ध पशुशाला, तीन हजार रुपए
बाढ़ राहत सामग्री का आज से शुरू होगा वितरण
शासन के आदेश पर जिला प्रशासन शुक्रवार से बाढ़ राहत सामग्री का वितरण शुरू करेगा। इसमें दो तरीके के पैकेट तैयार कराए गए हैं। पहले पैकेट में पांच किग्रा लाई, दो किग्रा भुना चना, एक किग्रा गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट के पैकेट, एक पैकेट मोमबत्ती, दो नहाने का साबुन, एक तिरपाल शामिल है। दूसरे पैकेट में 10 किग्रा आटा, 10 किग्रा चावल, दो किग्रा अरहर की दाल, 100 ग्राम हल्दी, मिर्च व सब्जी मसाला के पैकेट, 10 किग्रा आलू शामिल है।
बाढ़ में प्रभावित होने वाले शहरी क्षेत्र में टीमें लगाई गईं हैं। यहां एटी लार्वा और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के साथ फॉगिंग कराई जा रही है। जलभराव से पाइपलाइन को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, इसे भी चेक कराया जा रहा है।
अंकित खंडेलवाल, नगरायुक्त, आगरा