आगरा(ब्यूरो) घटना गुरुवार सुबह करीब सात बजे की है। कोतवाली के सिटी स्टेशन रोड पर टीला माईथान में राय बहादुर विशंभर नाथ धर्मशाला है। जिसके ट्रस्टी राजू मेहरा हैं। यहां जून 2022 से निर्माण कार्य चल रहा है। धर्मशाला के बेसमेंट से 40 फीट ऊपर टीला माईथान बस्ती है। मुकेश शर्मा, ललित वर्मा, बाबी व प्रवीन शर्मा के मकान धर्मशाला के ठीक पीछे हैं। मुकेश शर्मा ने बताया कि भूतल पर वह और पत्नी मालती रहते हैं। फस्र्ट फ्लोर पर पुत्र 32 वर्षीय पुत्र विवेक, बहू प्राची उनकी दोनों बेटियां वैदेही(6 वर्ष) और रूशाली उर्फ गिन्ना (4 वर्ष) रहती हैं। गुरुवार की सुबह जल्दी उठ गए थे।
मलबे में दब गया परिवार
बेसमेंट की खोदाई वाले हिस्से में बने कमरे का सामान हटाना था। उसे आगे वाले कमरे में रखना था। दोनों वैदेही और रूशाली भी उसी कमरे में सो रही थीं। उन्होंने पुत्र विवेक से दोनों बेटियों को बाहर वाले कमरे में लेकर आने को कहा। इसी दौरान तेज आवाज के कमरे समेत आधा मकान ढह गया। विवेक और दोनों बेटियां 40 फीट नीचे धर्मशाला की बेसमेंट मलबे के नीचे दब गए।
लोग घरों से बाहर निकल आए
मुकेश के अलावा ललित वर्मा, प्रवीन और बाबी के मकान व एक धर्मस्थल भी ढह गया। गली में बने अन्य मकानों के ढहने की आशंका से उनमें रहने वाले परिवार बाहर निकल आए। घटना से अफरातफरी और दहशत फैल गई। मलबे में दबे विवेक और दोनों बेटियों को बस्ती के लोग तलाशने में जुट गए। उन्होंने करीब एक घंटे में विवेक और वैदेही को बाहर निकाला। रूशाली को दो घंटे प्रयास के बाद बाहर निकाला। एसएन इमरजेंसी ले गए। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विवेक और वैदेही गंभीर घायल हो गए। दोनों का दिल्ली गेट स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
लोगों ने लगाया जाम
बालिका की मृत्यु की जानकारी होने पर बस्ती के लोग भड़क गए। उन्होंने सिटी स्टेशन-बेलनगंज रोड पर गुरुवार और शुक्रवार को जाम लगा दिया। स्थानीय लोगों का आरोप था कि एडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों की अनदेखी कर बिङ्क्षल्डग बनवाई जा रही थी। शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बालिका के परिजन को दो लाख रुपए का चेक दिया।
हमारा सामान ही दिला दो
हादसे के बाद मौके पर पहुंची विनीता ने बताया कि जो मकान भरभराकर गिरे हैं, उनमें उनका भी घर था। अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने यहां से शिफ्ट किया था। लेकिन सामान अब भी घर में था। दो एसी और चार अलमारी के अलावा कई महंगा सामान और कैश था। मकान गिरने के साथ सारा सामान मलबे में दब गया। अब हम अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि मलबे को हटाकर सामान ही दिला दें।
कई बार की शिकायत, नहीं हुई सुनवाई
पीडि़तों ने बताया कि कई महीनों से धर्मशाला में काम चल रहा है। मकानों में दरारें आईं तो सरकारी विभागों के साथ धर्मशाला के मालिक से भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कई बार धर्मशाला मालिक की ओर से मकानों में आईं दरारों की मरम्मत भी कराई गई। इसके बाद भी खोदाई जारी रही।