अरूण पाराशर


आगरा (ब्यूरो) ।आखिर जिम में दिल धोखा क्यों दे जाता है इसको लेकर दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट ने एक्सपट्र्स से बातचीत की। इसमें कई ऐसी जानकारियां सामने आईं, जिनके अभाव में जिम करने वाले लोगों की जान पर बन आती है।

तो जिम में बीपी और बढ़ेगा
एकलव्य स्पोट्र्स स्टेडियम में कोच व वेट लिफ्टिंग के डिस्ट्रिक्ट सेक्रे टरी हरदीप सिंह हीरा ने बताया कि जिम जाने से पहले लोगों को अपनी हेल्थ का ध्यान रखना चाहिए। ब्लड प्रेशर कितना रहता है, जिम जॉइन करने से पहले इसकी जांच करनी चाहिए। अगर कोई ब्लड प्रेशर का मरीज जिम में अधिक वर्कआउट करेगा तो उसका बीपी और बढ़ेगा। अगर किसी को थॉयराइड है तो वह जिम में अधिक मेहनत नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

विदेशों में है नियम
कोच हरदीप सिंह हीरा ने बताया कि फॉरेन कंट्रीज में जिम में एडमिशन से पहले व्यक्ति का मेडिकल और फिजिकल टेस्ट कराया जाता है। देखा जाता है कि व्यक्ति को कोई दिक्कत तो नहीं है। अगर कोई बीमारी होती है तो उसी के अनुसार वर्कआउट तय किया जाता है। लेकिन हमारे यहां अधिकतर जिम में वर्कआउट करने वाले प्लेयर्स के बीपी को कोई चेक नहीं करता। जिम में हार्ट अटैक के भी जो केस सामने आ रहे हैं, उसके लिए ब्लड प्रेशर के साथ स्टेरॉयड भी काफी हद तक वजह है। शहर में अधिकतर जिम संचालकों ने ये धंधा बना रखा है। युवाओं से जिम की फीस भले ही कम ले लेते हैं, लेकिन उन्हें प्रोटीन के नाम पर मेडिसिन और स्टेरॉयड बेचते हैं। जिस किसी को भी पहले से कोई परेशानी होती है तो उनके लिए ये मेडिसिन और स्टेरॉयड घातक साबित होते हैं।

जिम में नहीं है सर्टिफाइड ट्रेनर
जिम फिटनेस रेवोलूशन के ओनर पुनीत ग्रोवर बताते हैं कि अगर कोई डिजीज है तो जिम में वर्कआउट से पहले ट्रेनर को बता देना चाहिए। उसी के अनुसार ट्रेनर वर्कआउट तय करेगा लेकिन शहर की अधिकतर जिम में सर्टिफाइड ट्रेनर तक नहीं है। कुछ समय तक जिम करने वाले किसी युवा को ही ट्रेनर के रूप में जिम में अप्वॉइंट कर दिया जाता है, जो गलत है। ऐसे ट्रेनर को न तो न्यूट्रिशन की जानकारी होती है और न प्रॉपर वर्कआउट की। इस कारण कोई भी जिम में पहुंचता है। सीधे वर्कआउट करना शुरू कर देता है। इसके साथ ही बिना किसी गाइडेंस के प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट या ब्लैक कॉफी आदि लेना शुरू कर देता है। ऐसे में अगर किसी को ब्लड प्रेशर या अन्य कोई डिजीज है तो ऐसे में ये सब उसके लिए घातक साबित हो सकता है। इसी के चलते जिम में इस तरह की घटनाएं होती हैं।

जिम जाने से पहले ये बरतें सावधानी
- सांस के रोगी
- डायबिटिक, हार्ट पेशेंट
- सीनियर सिटीजन
- कोई अन्य बीमारी हो

नोट: जिम ज्वॉइन करने के दौरान अपने ट्रेनर को बीमारी की जानकारी दें।


वॉर्म अप
व्यायाम शुरू करने से पहले वॉर्म अप एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। आमतौर पर हम वॉर्म अप आधे घंटे से 45 मिनट तक करते हैं। गर्मियों के मौसम में या ज्यादा गर्मी में वॉर्म अप 15 से 20 मिनट ही करना चाहिए। गर्मियों में ज्यादा देर तक या बहुत अधिक वॉर्म अप करने से कैलरी ज्यादा बर्न हो जाएगी, जिससे वर्कआउट करने की क्षमता कम हो सकती है। इसी तरह वर्कआउट खत्म होने के बाद भी कूल डाउन किया जाता है। गर्मियों के मौसम में कूल डाउन भी आवश्यकता के अनुसार 10 से 15 मिनट से ज्यादा नहीं करना चाहिए। इतनी देर कूल डाउन भी तभी करना चाहिए, अगर आप ज्यादा फैटी हैं, नहीं तो वर्कआउट के अंत में थोड़ी बहुत स्ट्रेचिंग, कार्डिओ, ट्रेडमिल, साइकलिंग या आसन ही करने चाहिए।


वर्कआउट से पहले और बाद की डाइट
वर्कआउट और डाइट का तो गहरा संबंध है। वर्कआउट से पहले और वर्कआउट करने के बाद लिया गया आहार सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। खुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए अपने आहार में रसीले साइट्रस फ्र ट्स को शामिल करें। इसके अलावा तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरे आदि को भी शामिल कर सकते हैं।

वर्कआउट से पहले की डाइट
वर्कआउट करने के तुरंत पहले आधा घंटा या 20 मिनट तक कुछ न खाएं। गर्मियों में चाय या ब्लैक कॉफी भी जिम जाने से पहले न पिएं। इससे डीहाइड्रेशन की आशंका अधिक रहती है। शाकाहारी भोजन और उच्च प्रोटीन आहार भी वर्कआउट से पहले खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है, जिससे वर्कआउट के समय असुविधा हो सकती है। गर्मियों में वर्कआउट करने से कम से कम 20 मिनट पहले प्रोटीन या बादाम शेक, एनर्जी ड्रिंक्स, प्रोटीनयुक्त चीजें जैसे अंडा लेना चाहिए। दही, चावल, उबला आलू, शकरकंदी गर्मियों में वर्कआउट करने से थोड़ी देर पहले खाना फायदेमंद होता है। वहीं, अगर कोई हेल्थ इश्यू है तो डाइट ट्रेनर के अनुसार लेनी चाहिए।

वर्कआउट के बाद की डाइट
वर्कआउट के तुरंत बाद फ्रि ज का पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इस समय शरीर का तापमान काफी बढ़ा हुआ होता है। ऐसे में फ्रि ज के पानी से शरीर का तापमान गड़बड़ा जाता है, जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है। मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पिया जा सकता है। वर्कआउट के करीब आधे घंटे बाद खाना खाना चाहिए। गर्मियों में वर्कआउट के बाद हल्की सब्जी खानी चाहिए। गाजर, टमाटर, तोरी आदि बेहतर होते हैं। इनसे गैस या एसिडिटी की भी शिकायत नहीं होती। वर्कआउट के बाद नारियल पानी, बेल का शरबत, सत्तू, नीबू पानी, छाछ आदि पेय पदार्थों का गर्मियों में सेवन जरूर करें, पर इन्हें खाली पेट न पिएं। इससे गैस की शिकायत हो सकती है।

अगर कोई व्यक्ति पहले से ही किसी बीमारी से पीडि़त है तो उसे वर्कआउट करने से पहले एक बार डॉक्टर से भी परामर्श कर लेना चाहिए। हार्ट, बीपी, डायबिटीज, थॉयराइड के पेशेंट विशेष सतर्कता बरतें।
प्रो। डॉ। प्रभात अग्रवाल, एसएन मेडिकल कॉलेज

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क्या है हार्ट अटैक की असली वजह
अगर व्यकित को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की शिकायत हो तो उनमें दौडऩे से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है कि दिल की धमनियों में एरीथेमैटस प्लार्क (वसा की जमावट) अत्यधिक व्यायाम करने से फटने लगती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

इनसे बचें, दिल को स्वस्थ रखें
- अगर व्यक्ति को असामान्य तनाव और नींद की समस्या है, तो ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। मानसिक तनाव भी कार्डियक अरेस्ट का कारण हो सकता है।

- वहीं कई बार हार्ट अटैक आने के पीछे फॅमिली हिस्ट्री भी एक बहुत बड़ी वजह हो सकती है। अगर आपके फॅमिली में दिल से जुड़ी बीमारियों का इतिहास रहा है तो आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए।

- दिल के लिए नशा खतरनाक है। ज्यादा शराब पीना, धूम्रपान और ड्रग्स के सेवन से दिल कमजोर हो जाता है। अक्सर लोग दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने के बाद भी उसे नजरअंदाज करते हैं। इसलिए समय रहते हेल्थ चेकअप जरूर कराएं। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें।


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