आगरा(ब्यूरो)। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी ने आगरा कॉलेज, आगरा को नोडल, परीक्षा केन्द्र बनाया है। प्रिंसिपल अनुराग शुक्ला ने बताया कि 18 अप्रैल से बीएससी (कृषि) के एग्जाम कराए जा रहे हैं। इसमें टीचर्स और स्टॉफ की डयूटी लगाई गई है, लेकिन अधिकांश टीचर्स निर्धारित कार्य पूरा कर रहे हैं। लेकिन कुछ टीचर्स न तो डयूटी कर रहे हैं, दूसरों को भी उकसा रहे हैं। जिससे कॉलेज का माहौल खराब हो रहा है।
मंत्री जी हमारे साथ पढ़े हैं कुछ करा लेंगे
कॉलेज परिसर में राजनीति करने वाले टीचर्स ने आंदोलन शुरू कर दिया है।
परिसर को नोडल केन्द्र बनाया गया है, जहां प्रश्न पत्र रखे हैं। टीचर्स वहां शिक्षण कार्य को छोड़कर मंत्री जी नजदीकियां होने का हवाला दे रहे हैं। धरने पर बैठे टीचर्स का कहना है कि वे मंत्री के साथ पढ़े हंै, उनसे कुछ भी करा सकते हैं।
30 दिन की छुट्टी कराई 45 दिन
डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी द्वारा 30 दिन का ग्रीष्मावकाश घोषित किया गया है, लेकिन शिक्षक नेताओं द्वारा परीक्षा के दौरान ही यूनिवर्सिटी पर दबाव डाला गया, इसके बाद 45 दिन का ग्रीष्मावकाश घोषित करा लिया गया। जबकि आम दिनों में भी उपस्थिति और पढ़ाई के नाम पर सिर्फ अटेंडेंस भरी जाती है।
इमरजेंसी में अवकाश निर्धारित से भी अधिक
आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल अनुराग शुक्ला का कहना है कि एग्जाम में इन टीचर्स की ओर से असहयोग किया जा रहा है, इस संबंध में कई बार मीटिंग की गई, लेकिन कोई सहयोग करने को तैयार नहीं है। उनका आरोप है कि
इन टीचर्स के द्वारा इमरजेंसी में लिए गए अवकाश निर्धारित से अधिक हैं।
टीचर्स का नाम और वेतन
-डॉ। चित्र कुमार गौतम, सैलरी, 2.75 लाख रुपए
-डॉ। अरुणोदय बाजपेयी, सैलरी 3 लाख रुपए
-डॉ। शरद चन्द्र भारद्वाज, सैलरी 3 लाख रुपए
-डॉ। जयश्री भारद्वाज सैलरी, 3 लाख रुपए
-डॉ। मृणाल शर्मा, सैलरी, 3 लाख रुपए
कॉलेज में एग्जाम चल रहे है, नोडल केन्द्र भी बनाया गया है, इसके बाद भी टीचर्स एग्जाम में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उनकी सैलरी और कार्य का ब्यौरा देते हुए उच्चशिक्षा मंत्री को पत्र लिखा गया है।
प्रो। अनुराग शुक्ला, प्रिंसिपल आगरा कॉलेज