आगरा(ब्यूरो)। रणजी हाईट््स निर्भय नगर, न्यू आगरा निवासी दीपक कश्यप की साइट-सी में कश्यप फुटवियर के नाम से फैक्ट्री है। दीपक ने बताया कि फैक्ट्री के सेकेंड फ्लोर पर जूता निर्माण की दो इकाई हैं। सुबह करीब साढ़े छह बजे निर्माण इकाई में आग लग गई। कर्मचारियों ने उसे काबू करने का प्रयास किया। तब तक आग सेकेंड फ्लोर को पूरी तरह चपेट में ले चुकी थी। उन्होंने बताया कि लपटों ने फस्र्ट फ्लोर के एक हिस्से को चपेट में ले लिया था। जूता निर्माण में ज्वलनशील रसायन का भी प्रयोग होता है।

केमिकल के ड्रम हटा दिए
सतर्कता के चलते काम के बाद शाम को रसायन के ड्रम वहां से हटा दिए जाते हैं। रसायन वहां नहीं रखे होने से आग अन्य हिस्सों में पूरी तरह से नहीं फैली। सेकेंड फ्लोर पर सारा माल जलकर खाक हो गया। अग्निकांड में माल और मशीनरी समेत डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की क्षति होने का अनुमान है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि आग शार्ट सर्किट से लगी थी। जिसे चार दमकल की मदद से लगभग दो घंटे में काबू कर लिया गया था।

पॉवर डिपार्टमेंट से करा लें सेफ्टी ऑडिट
सीएफओ देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गर्मी में आग लगने की घटनाओं में इजाफा होता है। मार्च, अप्रैल और मई में अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। इस दौरान अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। शॉर्ट सर्किट की आग से बचने के लिए जरूरी है कि वायरिंग दुरुस्त हो। इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा होता जाता है, लेकिन वायरिंग की क्षमता की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। इसके लिए बिजली विभाग से सेफ्टी ऑडिट कराया जाना चाहिए। इसको लेकर विभाग की ओर से समय-समय पर गाइडलाइन भी जारी की जाती हैं।

गर्मी में आग की घटनाओं में इजाफा होता है। इससे बचाव के लिए बिजली विभाग से सेफ्टी ऑडिट कराएं। वायरिंग को दुरुस्त रखें। जिससे शॉर्ट सर्किट से लगने वाली घटनाओं को रोका जा सके।
देवेंद्र कुमार सिंह, सीएफओ

पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, भगदड़

फतेहाबाद। थाना डौकी क्षेत्र में बुधवार को पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से लगभग एक घंटे तक धमाकों की गूंज होती रही। पटाखे की फैक्ट्री मे काम रहे एक दर्जन से अधिक लोगों मे भगदड़ मच गई। इस घटना से गांव में दहशत फैल गई।

तालाब किनारे बन रहे थे पटाखे
थाना डौकी के गांव पैतीखेड़ा में अजीज खान के द्वारा पटाखे बनाने का काम गांव से बाहर तालाब के किनारे किया जाता है। जहां अचानक बुधवार को पटाखों मे आग लग गई। धमाके होने लगे। वहां पटाखे बनाने का काम कर रहे लोग भागने लगे। धमाकों की आवाज सुनकर गांव में दहशत मच गई। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग एक घंटे तक धमाकों की आवाज गूंजती रही। किसी की हिम्मत नहीं पड़ी कि आग को बुझाने का प्रयास किया जाऐ। धमाकों की आवाज बंद होने के बाद ग्रामीणों ने बडी मुश्किल से आग पर काबू पाया जा सका। जानकारी पर थाना डौकी पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों का कहना है कि अजीज के द्वारा लाइसेंस से अधिक मात्रा में पटाखे बनाए जाते हैं। बाहर के दर्जनों लोग काम करते हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वही प्रभारी निरीक्षक डौकी शेर ङ्क्षसह ने बताया कि सूचना पर मौके पर गए थे। जहां कोई नहीं मिला। पटाखों में आग लगने की जानकारी दी गई थी। लेकिन मौके पर पहुंचे तब तक शांत हो चुके थे।

पूर्व में लगी आग

- 24 मई 2002: जीवनी मंडी स्थित श्रीजी शू फैक्ट्री में अग्निकांड में गई थीं 42 लोगों की जान
- 2 सितंबर 2020: सिकंदरा की केमिकल फैक्ट्री में लगी आग, अंडरग्राउंड टैंकों में भरा था केमिकल
- 22 नवंबर 2021: जगदीशपुरा में सोल फैक्ट्री में आग
- 5 अक्टूबर 2022: शाहगंज के जगनेर रोड पर गोदाम में लगी आग में अस्पताल संचालक और उनके बेटे-बेटी की मौत
- 23 जनवरी 2023: सिकंदरा के कैलाश मोड़ स्थित कूलर फैक्ट्री में भीषण आग
- 01 अप्रैल 2023: मंटोला की घनी बस्ती में संचालित सोल फैक्ट्री में लगी भीषण आग
- 07 अप्रैल 2023: शहीद नगर स्थित शू फैक्ट्री में लगी भीषण आग
- 11 अप्रैल 2023: छीपीटोला सब्जी मंडी स्थित थिनर के अवैध गोदाम में लगी भीषण आग, एक की मौत


सेफ्टी ऑडिट से कैसे रुकेगी आग
एक्सपर्ट बताते हैं कि कमर्शियल प्लेस के लिए पॉवर सेफ्टी ऑडिट बहुत जरूरी है। इस को इस तरह समझा जा सकता है कि अगर किसी फैक्ट्री का निर्माण 20 वर्ष पूर्व कराया गया था तो उस दौरान वायरिंग उस समय की आवश्यकता अनुसार की गई थी। 20 वर्ष के दौरान फैक्ट्री में इलेक्ट्रॉनिक उपरकणों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ होगा। इसके साथ ही वायरिंग पुरानी होने के साथ कई बार फॉल्ट भी हुए होंगे। वायर में ज्वॉइंट लगे होंगे, जिससे उसकी लोड झेलने की क्षमता कम हुई होगी। ऐसे में शॉर्ट सर्किट की आशंका अधिक बनी रहती है। इससे बचने के लिए पॉवर सेफ्टी ऑडिट जरूरी होता है। इससे वायरिंग के साथ लोड फैक्टर का भी पता लग जाता है। जिससे समय रहते कदम उठाए जा सकते हैं। शॉर्ट सर्कि ट से आग लगने की घटनाओं को रोका जा सकता है।