आगरा। हरीपर्वत थाना क्षेत्र के घटिया आजम खां में रहने वाले ऑटो चालक भगवान सिंह राठौर की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार ऑटो चालक संजय पैलेस में जुए खेल रहे लोगों के पास खड़ा था, इसी दौरान एक सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को देख वो भागने लगा, अचानक गिरने से भगवान सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया था, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

पांच साल के मासूम से कराया अंतिम संस्कार
चार दिन पूर्व ऑटो चालक की मौत पर पोस्टमार्टम के बाद शव को बुधवार सुबह परिजनों को सौंप दिया गया, आरोप है कि पुलिस ने उनके घर पहुंच कर पांच साल के मासूम बेटे को लेकर शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया, इससे मृतक के परिजनों और क्षेत्रीय लोगों में खासा आक्रोश है, स्थानीय लोगों के साथ मृतक के परिजनों ने आर्थिक मदद के साथ दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

कौन लेगा बच्चियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
मृतक के परिवार को रोटी-रोजी के संकट की चिंता सता रही है। ऑटो चालक भगवान सिंह राठौर परिवार में अकेला कमाने वाला था, उनकी मौत के बाद परिवार सड़क पर आ जाएगा, क्योंकि उनके पास अपना खुदका मकान तक नहीं है, ऐसे में अगर परिवार के बेटियां घर के बाहर काम करने निकलती हैं तो उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा।


न्याय की मांग को लेकर सड़क पर परिजन
ऑटो चालक की संदिग्ध हालत में मौत के बाद शनिवार को बस्ती के दर्जनों लोगों ने मृतक की पत्नी और बेटियों के साथ घटिया आजमा खां रोड पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलने पर थाना हरीपर्वत का फोर्स मौके पर पहुंच गया। मृतक के परिवार के लोग घटना को जांच की मांग कर रहे थे, इससे मृतक भगवान सिंह राठौर की मौत का सच सामने आ सके।


बेटी और पत्नी ने उड़ेला केमिकल
ऑटो चालक की संदिग्ध हालात में मौत और जबरन अंतिम संस्कार को लेकर परिजनों में खासा आक्रोश है, शनिवार को न्याय की मांग को लेकर जाम लगाने पर पुलिस की सख्ती को देख मृतक की चार बेटी और पत्नी ने खुद पर केमिकल उड़ेल लिया। इससे पुलिस के हाथ पैर फूल गए और उनको अभिरक्षा में लिया गया।


पुलिस ने भीड़ पर भांजी लाठियां
घटिया आजम खां रोड पर भीड़ को देख पुलिस ने जाम लगा रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बस्ती के साथ मृतक के परिजन वहां से हटने को तैयार नहीं हुए, मृतक ऑटो चालक की पत्नी का कहना है कि पुलिस ने उनके पति के साथ मारपीट की थी, इससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। वहीं क्षेत्रीय विधायक पर आक्रोश व्यक्त कर वोट बहिष्कार का एलान किया है।

पुलिस की स्टोरी पर खड़े कि ए सवाल
खटिया आजम खां में रहने वाले ऑटो चालक के परिवार को कहना है कि पीएम रिपोर्ट भी स्पष्ट नहीं है, वहीं मृतक के सीने में चोट और हाथ पर खरोच के निशान थे, ऐसे में हादसे के बाद उनकी मौत की खबर पुलिस ने उनको क्यों नहीं दी, शव को ऑटो से एसएन इमरजेंसी भेजा गया था, जहां बस्ती की एक व्यक्ति ने उनको मौत की जानकारी दी, जबकि पुलिस को सब कुछ पता था।

वर्जन
मामले की जांच का आश्वासन दिया गया है, जाम लगाने की कोशिश पर आचार संहिता और कोविड नियमों के तहत प्रदर्शन पर रोक है, कुछ स्थानीय लोग मृतक के परिवार के सदस्यों को बहकाने की कोशिश कर रहे थे। -विकास कुमार, एसपी सिटी