आगरा(ब्यूरो)। शहर में दो वाटरवक्र्स से वाटर सप्लाई की जाती है। इनमें सिकंदरा और जीवनी मंडी शामिल हैं। पिछले दिनों में वाटरवक्र्स पर तो कई कार्य कराए गए, लेकिन शहर के वाटर डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके चलते शहर में पेजयल किल्लत अब भी दूर नहीं हो सकी है। हालांकि अब अमृत योजना के तहत कार्य कराए गए हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत बिछाई गई लाइन से अभी प्रॉपर सप्लाई शुरू नहीं हुई है।
60 लीटर कम मिलता है पानी
देश में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 140 लीटर है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक दिन में प्रति व्यक्ति को 200 लीटर पानी उपलब्ध होना चाहिए।
अमृत योजना के तहत 250 करोड़ से हुए पेयजल के कार्य
केंद्र सरकार द्वारा देश के करीब 500 शहरों का कायाकल्प करने के लिए अमृत योजना शुरू की गई। अमृत का पूरा नाम अटल मिशन ऑफ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन है। यह पहले की इसी तरह की योजना जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन का एक नया संस्करण है। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के परिवारों को बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवेज मैनेंजमेंट आदि की सुविधा प्रदान कराई जा रही हैं। आगरा में अमृत योजना के तहत 250 करोड़ से शहर में वाटर लाइन बिछाने का कार्य किया गया। इसके तहत बोदला, आवास विकास, चाणक्यपुरी, गढ़ी भदौरिया, गुलाब नगर आदि क्षेत्रों में लाइन बिछाई गई। कनेक्शन भी किए जा चुके हैं। जल्द सप्लाई शुरू की जा सकती है।
यमुनापार में बनेगा वाटरवक्र्स
यमुनापार एरिया में वर्षों से पानी की किल्लत है। यहां टैकरों से वाटर सप्लाई होती है। यमुनापार की तीन लाख से ज्यादा आबादी को अब अमृत-2 योजना में नल से पानी मिल सकेगा। 525 करोड़ की लागत से 100 एमएलडी की क्षमता वाले नए वाटरवक्र्स को मंजूरी मिल गई है। इससे 20 से ज्यादा इलाकों में जलापूर्ति होगी। सकेगी। वाटरवक्र्स का निर्माण एमबीबीआर तकनीक से कराया जाएगा। नगर निगम ने जमीन चिह्नित कर ली है। यमुनापार की जलापूर्ति योजना में 14 जगहों पर 30,500 किलोलीटर क्षमता की ओवरहेड टैंक, 4 जगह 6300 किलो लीटर के टैंक और 3 भूमिगत जलाशय बनाए जाएंगे। इन जगहों पर भविष्य में 30 साल की जरूरतों को देखते हुए ओवरहेड टैंक और रिजर्वायर तैयार कराए जाएंगे। 42.30 किमी। राइजिंग मेन पाइप लाइन नेटवर्क भी बिछाया जाएगा, जिसे पुराने पड़े नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा।
गंगाजल प्रोजेक्ट बुझाएगा देहात की प्यास
शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल संकट है। इसमें सीकरी क्षेत्र में पानी का संकट हमेशा से रहा है। लेकिन अब केंद्र की घर-घर गंगाजल योजना के अंतर्गत फतेहपुरसीकरी के हर घर में पानी पहुंचेगा। इस योजना के लिए 6779 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है।
350 एमएलडी शहर में वाटर की होती है सप्लाई
340 एमएलडी शहर में वाटर सप्लाई की डिमांड
जीवनी मंडी वाटरवक्र्स 225 एमएलडी
सिकंदरा वाटरवक्र्स
144 एमएलडी गंगाजल प्लांट
144 एमएलडी एमबीबीआर प्लांट
100 वार्ड हैं नगर निगम में
5 हजार से अधिक मोहल्ले शहर में
1.70 लाख शहर में जलकल के कनेक्शन
3.50 लाख मकान शहर में
मौजूदा समय में शहर में डिमांड से अधिक सप्लाई की जा रही है। 340 एमएलडी की आवश्यकता है, जबकि इस समय 350 एमएलडी की सप्लाई की जा रही है।
वीबी सिंह, सचिव, जलकल