आगरा(ब्यूरो)। तीसरे दिन गुरुवार को दोपहर बाद गंगाजल की आपूर्ति सुचारु हो गई, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। कुछ क्षेत्रों में मिट्टीयुक्त पानी पहुंचा, जिससे लोगों को मुश्किल हुई, लेकिन बाद में सही पानी मिलने लगा। पालड़ा से पर्याप्त आपूर्ति हो रही है, जिससे जलसंकट समाप्त हो गया है। दूसरे दिन बुधवार को भी बाधित होने से पूरा शहर जलसंकट से जूझा था।
तीन दिन रहा था संकट
बुलंदशहर के पालड़ा से आगरा को मिलने वाले 350 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति बाधित हो गई थी, जिससे शहर तीन दिन से जलसंकट से जूझ रहा था। 100 एमएलडी यमुना जल की आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही थी। पालड़ा फाल के पास हुए हादसे में एक युवक पानी में गिर गया था, बॉडी की तलाश में सप्लाई रोक दी गई थी। अस्थाई बांध बनाने के बाद पानी की आपूर्ति बुधवार को सुचारु की गई है। पालड़ा से आगरा तक पानी में आने में 18 घंटे का समय लगता है, जिसके बाद लोगों को राहत मिली। पानी नहीं मिलने से सिकंदरा, खंदारी, दयालबाग, कमला नगर, राजामंडी, लोहामंडी,जीवनी मंडी, ताजगंज, यमुनापार के कुछ क्षेत्र पूरी तरह बाधित थे। गुरुवार को भी सुबह से पानी नहीं पहुंचने से लोगों ने आसपास के घर जहां सबमर्सिबल पंप लगा है, वहां से पानी लेकर काम चलाया। जलकल विभाग के टैंकर किसी भी बस्ती में नहीं पहुंचे, जिससे लोगों में आक्रोश था। गंगाजल इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर एहतशाम ने बताया कि आपूर्ति सुचारु हो गई है, अब किसी तरह का जलसंकट नहीं है।