एक महीने चलेगा अभियान
सीएमओ ने बताया कि एक माह तक चलने वाले अभियान में नौ माह से पांच साल तक पांच लाख बच्चों को यह दवा पिलाई जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। संजीव वर्मन ने बताया कि अभियान के दौरान नौ से बारह माह के 30251 बच्चों को यह दवा दी जाएगी। एक से दो वर्ष तक के 1.1 लाख बच्चों को और दो से पांच वर्ष तक के 3.5 लाख बच्चों को विटामिन-ए का सेवन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विटामिन-ए की कमी छोटे बच्चों में अंधेपन का प्रमुख कारण है जिसे दवा सेवन से दूर किया जा सकता है। इसकी कमी बच्चों के विकास को बाधित कर सकती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बाधित करती है। खसरा व दस्त पीडि़त बच्चों में इसकी कमी हो जाने से मौत की आशंका अधिक होती है।
कुछ बच्चों को हो सकता है चिड़चिड़ापन
डीआईओ ने बताया कि कुछ बच्चों को दस्त, सिरदर्द, बुखार और चिड़चिड़ापन जैसे हल्के लक्षण दिख सकते हैं जो बिना उपचार के 24 से 48 घंटों के भीतर स्वत: ठीक हो जाते हैं।
शुभारंभ समारोह में लोहामंडी द्वितीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ। सुमन श्रीवास्तव, डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, एएनएम प्रियंका, एनआई संस्था की डिविजनल कोऑर्डिनेटर विद्या, यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ, यूनिसेफ से संभागीय स्वास्थ्य समन्वयक शिवदत्त पाराशर व समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
अपने नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक अवश्य पिलाएं। अभियान के दौरान पांच लाख बच्चों को दवा पिलाई जाएगी।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
30251 बच्चों को नौ से बारह माह के बच्चों को दी जाएगी दवा
1.1 लाख एक से दो वर्ष के बच्चों को दी जाएगी दवा
3.5 लाख बच्चों को विटामिन-ए की दवा का सेवन कराया जाएगा।
05 लाख बच्चों को दवा पिलाने का रखा है लक्ष्य