आगरा। रेलवे द्वारा ऐसे वाहनों के बारे में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। न तो इनको अभी तक पुलिस की सुपुर्दगी में दिया गया है। न ही इनको डिस्पोजल के लिए अन्य कोई प्रक्रिया अपनाई जा सकी है। नियमानुसार ऐसे वाहनों को या तो डिस्पोजल कर देना चाहिए या फिर सिविल पुलिस को सौंप देने चाहिए। हालांकि पुलिस अफसरों का दावा है कि पुलिस के लिए पत्र लिखा गया है।
ऐसे वाहनों के लिए पार्किंग बनी मुफीद
चोरी के वाहनों के लिए पार्किंग मुफीद जगह बनकर रह गई है। वाहन चोर ऐसे वाहनों को चुराने के बाद पार्किंग में इसलिए खड़ा कर देते हैं कि वे पुलिस के हाथ नहीं आ सके। कुछ दिन पीडि़त भूल जाता है, तो ऐसे वाहनों को पार्किंग का किराया चुकाकर अन्य स्टेट में कम कीमत में बेच देते हैं। रेलवे की ओर से राजामंडी, आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, मथुरा में पार्किंग संचालित की जाती है। वर्तमान में पार्किंग बंद हैं। अब इनका नए सिरे से टेंडर कर पुन: इनको शुरु किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरु की जा रही है।
हजारों में हो गया किराया, रेलवे को रेवेन्यू का लॉस
पार्किंग में खड़े वाहनों का किराया वाहन की कीमत से भी ज्यादा हो गया है। बता दें कि रेलवे की पार्किंग में कई व्हीकल्स 5 से 10 वर्षों से खड़े हुए हैं। एक बाइक का एक दिन का पार्किंग का शुल्क 30 रुपए निर्धारित है। ऐसे में एक महीने में 900 रुपए हो गया। ऐसे में 5 10 वर्ष का पार्किंग रेट लाखों रुपए होता है। जबकि बाइक, स्कूटर, स्कूटी आदि 65 से 75-80 हजार रुपए तक है। रेलवे को भी रेवन्यू का लॉस हुआ है। आगरा फोर्ट स्टेशन की बात करें, तो यहां बाइक से लेकर ऑटो फोर व्हीलर भी खड़े हुए हैं। इनका पार्किंग रेट भी लाखों रुपए में पहुंच चुका है। इसमें आगरा फोर्ट पर तकरीबन 25 बाइक और फोर व्हीलर वाहन खड़े हैं। इनमें से कई पर तो नंबर प्लेट तक गायब हैं। ऐसे में इनकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा राजामंडी रेलवे स्टेशन पर 18 टू- व्हीलर व्हीकल्स खड़े हुए हैं। इनमें 13 व्हीकल्स लावारिस हैं।
क्या बोले रेलवे अफसर
इस बारे में जब रेलवे की पीआरओ सूष्टि श्रीवास्तव से बात की गई, तो उनका कहना था कि ये वाहन लंबे समय से पार्किंग में खड़े हुए हैं। अभी तक इनको कोई लेने नहीं आया है। इस बारे में सिविल पुलिस को पत्र लिखा गया है। इससे ऐसे वाहनों का वेरीफिकेशन किया जा सके। अभी सिविल पुलिस की ओर से कोई जबाव नहीं आया है। जल्द ही इनके निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
पार्किंग में होना चाहिए वेरीफिकेशन
पार्किंग में जब भी कोई व्यक्ति अपने वाहन को पार्क करने आता है, तो आमतौर पर उसे वाहन पार्क करने के बाद उसे उसे रसीद थमा दी जाती है। वाहन संचालन के बारे में कोई वेरीफिकेशन नहीं किया जाता है। ऐसे में एक रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए। इसमें वाहन चालक का मोबाइल नंबर और वाहन का नंबर भी अंकित किया जाना चाहिए। इससे वाहन का वेरीफिकेशन किया जा सके।