आगरा. बता दें कि 24 अगस्त को 21 वीं कार्यकारिणी की मीटिंग में निजी भूमि पर सार्वजनिक पार्किंग के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी। इस दौरान इसका प्रस्ताव तैयार किया गया था। कार्यकारिणी में तो इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया गया था। इसके बाद इस प्रस्ताव पर सदन में चर्चा की इसको स्वीकृत मिलनी थी।
जाम से निजात के लिए तैयार किया गया प्रस्ताव
नगर निगम द्वारा शहर में जाम से निजात दिलाने के लिए ये व्यवस्था तैयार की गई। निजी भूमि पर सार्वजनिक पार्किंग का प्रस्ताव तैयार किया गया था। बता दें कि शहर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां वाहनों को रोड पर पार्क किया जाता है। वहां पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। पार्किंग की व्यवस्था न होने से रोड और मार्केट में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती थी। इसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शहर में इन स्थानों पर नहीं है पार्किंग की व्यवस्था
- शाह मार्केट
- लोहामंडी
- शाहगंज
- रुई की मंडी
- किनारी बाजार
- हींग की मंडी
- फब्बारा
- छीपीटोला
- रावतपाड़ा
- रामबाग
- पश्चिमपुरी
- वाटर वक्र्स चौराहा
- भगवान टॉकीज
- अकबर टॉम्ब
- दरेसी बाजार
- सुभाष बाजार
आए दिन लगता है जाम
शहर में सार्वजनिक पार्किंग की व्यवस्था न होने से आए दिन रोड पर जाम लग जाता है। मिनटों का रास्ता तय करने में घंटों का समय लग जाता है। इस कारण प्रदूषण का ग्राफ भी बढ़ रहा है।
21 वीं कार्यकारिणी की मीटिंग में ये नियमावली हुई तैयार
21 वीं कार्यकारिणी की मीटिंग में निजी भूमि पर सार्वजनिक पार्किंग को लेकर जो नियमावली तैयार की गई। इस बारे में नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि शहर में कोई भी व्यक्ति जिसके पास स्वयं की जमीन है। तो एफिडेविड और एनओसी स्वीकृत होने के बाद वो अपनी जमीन में सार्वजनिक पार्किंग की शुरुआत कर सकते हैं।
- सभी वाहनों से वसूले जाने वाला शुल्क निर्धारित करना होगा।
-पार्किंग स्थल पर बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करना होगा।
- पार्किंग स्थल पर टॉयलेट, की सुविधा
- पार्किंग स्थल पर प्राथमिक उपचार की सुविधा
- किसी वाहन के चोरी होने पर उसकी क्षतिपूर्ति वाहन स्वामी को ही करनी होगी।
पहले नगर निगम ने कराया था सर्वे
नगर निगम ने रोड पर वाहन पार्किंग करने वालों की सूची तैयार कराई थी। इसमें शहर में सड़क के किनारे से बने स्कूल, कोचिंग सेंटर, नर्सिंग होम्स, मॉल, सिनेमा हॉल, शोरुम, होटल, रेस्टोरेंट द्वारा सड़क की पटरी को पार्किंग के रुप में प्रयोग करते हैं। चूकिं कोई पार्किंग स्पेस न होने के कारण लोग अपने वाहनों को रोड पर पार्क करते हैं। इससे जाम की स्थिति बन जाती है। लेकिन इसके बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।
शहर में नहीं है कोई मल्टीस्टोरी पार्किंग
शहर में कोई मल्टीस्टोरी पार्किंग नहीं है। गत वर्षो में 231.85 करोड़ की लागत से ओरिएंटेशन सेंटर के निर्माण के अलावा मल्टीलेविल पार्किंग का प्रस्ताव भी शामिल था। इसमें शासन ने शुरुआत में 30 करोड़ रुपए का बजट भी रिलीज कर दिया था। इसमें से 9.21 करोड़ की धनराशि मल्टीलेविल पार्किंग के शुरुआती निर्माण पर भी खर्च हो गए थे। बाद में इसके निर्माण पर रोक लगा दी गई। इसमें 11 पेड़ काटने की मंजूरी मांगी गई थी। इसके बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।
शहर में मौजूदा पार्किंग की स्थिति
शहर में मौजूदा समय में शहर में विभिन्न वर्गों में 255 पार्किंग स्थल हैं। इसमें ज्यादातर ठेके नगर निगम उठाता है। विगत महीनों में नगर निगम ने 65 पार्किंग स्थलों के ठेके उठाए थे। इसमें भगवान टॉकीज क्षेत्र में आठ, रामबाग क्षेत्र 12, सिकंदरा में 10, संजय प्लेस में 9 इस प्रकार सिटी में 253 पार्किंग स्थल हैं।
अगर पार्किंग को स्पेश नहीं तो रजिस्ट्रेशन में कमी करें
गत महीनों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 122 शहरों के बारे में टिप्पणी की थी। इसमें आगरा भी शामिल था। एनजीटी ने कहा था कि अगर पर्याप्त स्पेश नहीं है तो जिले में वाहनों के रजिस्ट्रेशन मेें कमी लाएं। आगरा में हर महीने 7 हजार से ज्यादा वाहन रजिस्ट्रेशन होते हैं। जिले में 11 लाख 52 हजार वाहन हैं। इसमें लगातार वाहनों की संख्या में इजाफा हो रहा है।