आगरा(ब्यूरो)। एत्मादपुर की गढ़ी रामी की दिव्या सिकरवार ने यूपी पीसीएस 2022 में टॉप किया है। दिव्या ने इसकी तैयारी बीएससी के बाद ही शुरू कर दी थी। उन्होंने सेंट जोंस कॉलेज से एमएससी की और इन दिनों आगरा के आरबीएस कॉलेज से बीएड कर रही हैं। उन्होंने लॉकडाउन में फोन का सही इस्तेमाल कर पढ़ाई की और पीसीएस एग्जाम को सेकेंड अटेंप्ट में क्लीयर कर दिया।
टीचर बनने के लिए की थी तैयारी
दिव्या के पिता राजपाल सिकरवार बीएसएफ से रिटायर्ड हैं और वर्तमान में गांव में रहकर खेती कर रहे हैं। बड़ी बेटी दिव्या ने कुबेरपुर के श्रीमती शारदा देवी इंटर कालेज से 10 वीं परीक्षा 77 प्रतिशत अंकों के साथ की उत्तीर्ण की और श्रीमती विमला देवी इंटर कॉलेज से 80 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की। सेंट जोंस कॉलेज से बीएससी और एमएससी किया। वर्तमान में आरबीएस कॉलेज से बीएड कर रही हैं। दिव्या बताती हैं कि वो शिक्षक बनना चाहती थी, इसीलिए बीएड करना शुरू किया। लेकिन तैयारी के बाद यूपीपीसीएस में भी अपना भाग्य आजमाया। उनकी मेहनत लगन और भाग्य तीनों ने साथ दिया और वह स्टेट टॉपर बनने के साथ डिप्टी कलेक्टर बन गईं।
सोचा नहीं था कि मिलेगी पहली रैंक
दिव्या ने बताया कि इस बार उन्हें उम्मीद थी कि उनका सिलेक्शन हो जाएगा, लेकिन ये नहीं सोचा था कि वो टॉप करेंगी। रिजल्ट को लेकर वो सुबह से ही बेसब्री से इंतजार कर रहीं थीं। शाम को जैसे ही उनको पता चला कि रिजल्ट आया है तो उनके दिल की धड़कन तेज हो गईं। उन्होंने जब रिजल्ट देखा तो उनको विश्वास नहीं हुआ कि उनको पहली रैंक मिली है। उन्होंने सोचा कि और कोई दिव्या होगी। एक एक रोल नंबर को मिलाने के बाद विश्वास हुआ, इसके बाद ही फोन आना शुरू हो गए। फोन बधाई का सिलसिला जारी रहा।
सोशल मीडिया का सही किया इस्तेमाल
दिव्या के पिता राजपाल सिकरवार ने बताया कि बेटी ने लॉकडाउन के दौरान घर पर ही तैयारी की थी। इस दौरान वो घर पर मां के साथ भी उनके कामकाज में हाथ बटांती थीं। दिव्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां सरोज देवी और पिता राजपाल सिकरवार को दिया है। राजपाल ने बताया कि उनके बेटी ने एग्जाम को पास करने के लिए बहुत मेहनत की है, जब वो घर में पढ़ाई करती तो कोई भी उससे डिस्टर्ब नहीं करता था। मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया के जरिए नोट्स तैयार किए, उसके बाद उसको पढऩा और रिवाइज कर लिखतीं थी।
दो नंबर कम थे तो नहीं हुआ सिलेक्शन
दिव्या ने इससे पिछली बार भी यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया था, लेकिन दो नंबर कम होने के कारण उसका पीसीएस में सिलेक्शन नहीं हुआ, इस दौरान परिवार के सभी सदस्यों ने फिर से तैयारी करने पर जोर दिया, इससे आत्मविश्वास बढ़ा और फिर से तैयारी शुरू कर दी। यूपी में पहला नंबर आया है। परिवार के सभी सदस्य बहुत खुश हैं। इस दौरान माता-पिता बेटी की सफलता को देख उनकी आंखें नम हो गईं।
ऑनलाइन पढ़ाई कर साकार किया सपना
स्नातक करने के बाद लोगों को सरकारी कार्यालयों में छोटे-छोटे कामों के लिए चक्कर लगाते हुए देखा तो बचपन का सपना बदलना शुरू हुआ। एक दिन ठान लिया कि अब सरकारी अधिकारी बनकर लोगों की मदद करनी है। दिव्या ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को फोन पर बातचीत में बताया कि उन्होंने इसके लिए पढ़ा, जाना कि सरकारी अधिकारी किस तरह काम करते हैं। दिव्या ने अपनी पूरी पढ़ाई घर पर ऑनलाइन माध्यम से ही की है। किसी कोङ्क्षचग का सहारा नहीं लिया।
यूट््यूब वीडियो देखे तैयार किए नोट््स
दिव्या बताती है कि उन्होंने यूट््यूब पर ही वीडियो देखे और नोट््स तैयार किए। बकौल दिव्या अब किसी भी छात्र को कोङ्क्षचग की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन पर बहुत सामग्री उपलब्ध है। दिव्या के पिता राजपाल ङ्क्षसह बताते हैं कि दिव्या कई बार पूरी-पूरी रात पढ़ाई करती थी। एक छोटा भाई पुलिस में है, एक अभी घर पर ही पिता की मदद कर रहा है। मां सरोज देवी गृहणी हैं।