आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी मेें सालों से बनी डिग्री, मार्कशीट की समस्या को दूर करने के यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा ठोस इंतजाम किए जा रहे हैं। ऐसे में ऑटोमेशन के लिए एक पारदर्शी तंत्र, कंप्यूटराइजेशन के जरिए कार्य को सरल बनाया जाएगा। इससे कर्मचारियों के साथ स्टूडेेंट्स को भी राहत मिलेगी। डिग्री हो या फिर माक्र्सशीट, स्टूडेंट्स को अपनी किसी भी समस्या के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
कंपनी को सौंपी जिम्मेदारी
कुलपति प्रो। विनय पाठक ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अलग-अलग प्रकार के डॉक्यूमेंट के संचालन, उनके रखरखाव और उनके निस्तारण के लिए संबंधित कर्मचारी, अधिकारी को उत्तरदायी बनाने के लिए कोई एक निश्चित व्यवस्था नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश कॉरपोरेशन लिमिटेड को इन व्यवस्थाओं के कंप्यूटराइजेशन और ऑटोमेशन के लिए एक पारदर्शी तंत्र तैयार करने की जिम्मेदारी तय की है।
हजारों डिग्रियां पेंडिंग
यूनिवर्सिटी कार्यालय में वर्तमान में हजारों डिग्रियां पेंंडिंग हैं। ऑनलाइन अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स रोज कार्यालय के चक्कर लगाते हैं, लेकिन इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी रहती है। इस समस्या का ठोस निस्तारण करने के लिए ऑटोमेशन मोड तैयार किया गया है, जिसमें ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद स्टूडेंट्स मोबाइल पर मैसेज के जरिए डिग्री की पेंडेंसी का पता कर सकेंगे। इससे पूरी जानकारी स्टूडेंट्स को मिलेगी, वहीं उन्हें बिना कारण कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
विभाग प्रतिनिधि देंगे कार्य की रिपोर्ट
यूनिवर्सिटी में सभी पटलों के प्रभारी घोषित किए गए हैं, जिसमें सभी कर्मचारी और अधकिारियों को उनके कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए कहा गया है। इसके लिए समय सीमा भी तय की गई है कि वह किस तरह कार्य को पूरा कर रहे हैं। इस दौरान क्या समस्या आ रही है। सभी पटलों के कार्य को ऑटोमेशन के जरिए पूरा कराया जाएगा। इस संबंध में विभागों के प्रतिनिधि 21 और 22 फरवरी को यूनिवर्सिटी में आकर पालीवाल पार्क परिसर स्थित बृहस्पति भवन में अपने कार्य का प्रजेंटेशन देंगे।
इस तरह के प्रोसेस में आएगी पारदर्शिता
प्रजेंटेशन में यूनिवर्सिटी के वित्त विभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त कार्यों को समाहित किया जाएगा। वेतन व्यवस्था, पेंशन व्यवस्था, शिक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक, यात्रा व्यय, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का भुगतान, नोडल केंद्रों के परीक्षा कार्यों का भुगतान, उपकरणों की खरीद एवं अन्य किसी भी प्रकार से किए जाने वाले आय-व्यय के कंप्यूटरीकरण का लेखा-जोखा शामिल है।
प्रजेंटेशन में शामिल होंगे ये प्वॉइंट
- विश्वविद्यालय के वित्त विभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त कार्यों को समाहित किया जाएगा। वेतन व्यवस्था, पेंशन व्यवस्था, शिक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक, यात्रा व्यय, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का भुगतान, नोडल केंद्रों के परीक्षा कार्यों का भुगतान, उपकरणों की खरीद एवं अन्य किसी भी प्रकार से किए जाने वाले आय-व्यय का लेखा-जोखा शामिल होगा।
- कर्मचारियों और शिक्षकों की उपस्थिति और उनके द्वारा लिए जाने वाले अवकाश का विवरण।
- विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों की संबद्धता संबंधी पत्रावलियों की उपलब्धता के लिए उनका कंप्यूटरीकरण व ऑटोमेशन।
- शोध विभाग की पत्रावलियों के समयबद्ध निस्तारण की व्यवस्था।
- विश्वविद्यालय की परिसंपत्तियों को सुरक्षित बनाने और उनकी खरीद-फरोख्त का विवरण एक ङ्क्षलक पर उपलब्ध कराने हेतु केंद्रीय भंडार गृह के रिकॉर्ड का कंप्यूटराइजेशन।
वर्जन
यूनिवर्सिटी में 21 और 22 फरवरी को होने वाले इस प्रजेंटेशन में कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक के निर्देश पर ऑटोमेशन के जरिए डाक्यूमेंट में पारदर्शिता लाने की पहल शुरू की जा रही है। इससे कर्मचारियों के कार्य के साथ, स्टूडेंट्स की समस्या का स्थायी निस्तारण किया जा सकेगा।
प्रो। प्रदीप श्रीधर, जनसंपर्क अधिकारी