सिकंदरा थाना क्षेत्र के रुनकता, बाईपुर में रहने वाले राजू यादव और अकरम अली, चंदन कुमार, रियाज अहमद, रोशन कुमार, आनंद राय, श्रवण कुमार को हिरासत में लिया है। दर्जनों की संख्या में थाने पर जमा हुए पीडि़तों बेरोजगारों ने बताया कि आगरा में रहने वाले शातिर उनको देश की एक बड़ी कंपनी में जॉब का लालच देकर ठगी को अंजाम देते।
इस तरह की जाती है युवाओं से वसूली
जॉब के नाम पर युवाओं से पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर बीस से पच्चीस हजार रुपए वसूल किए जाते थे, इसके बाद रहने के लिए धर्मशाला या कोई रूम उपलब्ध कराते थे, खाने की व्यवस्था गैंग द्वारा ही की जाती है। इस तरह बेरोजगार युवा ट्रैप में फंस जाते हैं।
जॉब के नाम पर प्रोडक्ट की मार्केटिंग
शातिर कॉकस पास के ही एक स्कूल में बेरोजगार युवाओं को ट्रेंड करते थे, इसके बाद कुछ प्रोडेक्ट उनको देकर मार्केट में भेज दिया जाता था। ऐसे युवा छोड़कर जाने का मन भी बनाते थे, उनके साथ मारपीट की जाती थी, वहीं दूसरे युवाओं से निगरानी रखने के लिए भी कहा जाता था कि वह आसपास किसी से बात न करें, जिससे किसी को उनके बारे मेेंं पता चले।
किसी भी युवक को नहीं मिली सैलरी
सिकंदरा क्षेत्र के बांईपुर में जॉब के नाम पर मार्केटिंग करने वाले युवा पिछले कई महीनों से मार्केटिंग कर प्रोडक्ट को सेल कर रहे हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति को सैलरी नहीं दी जाती थी, क्योंकि शातिरों को डर था कि अगर सैलरी दी गई तो वह यहां से भाग जाएंगे। पहले ही रजिस्टे्रशन के नाम पर बीस से पच्चीस हजार रुपए की रकम को गवां चुके हैं।
कर्ज लेकर दिए रजिस्ट्रेशन के रुपए
जॉब के नाम पर ठगी करने वाले युवा और उनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं, ऐसे में उनके द्वारा बीस हजार रुपए रजिस्ट्रेशन की रकम कर्ज के रूप मेें ली थी, बलिया के रहने वाले बाल चंद ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं, घर पर मासूम बच्चे और बुजुर्ग मां-बाप हंै, जब उनको कंपनी में नौकरी के बारे में आगरा में फंसे युवक अमर सिंह ने बताया तो कर्ज लेकर रजिस्ट्रेशन के रुपए दिया, सोचा था नौकरी लगने के बाद वापस कर दूंगा। लेकिन अब कुछ भी नहीं हैं।