आगरा। घर हो या फिर कमर्शियल बिल्डिंग, जब भी इनका निर्माण कराया जाता है तो प्रस्तावित डिमांड के अनुसार वायरिंग की जाती है। अधिकतर जगहों पर वायरिंग अंडरग्राउंड की जाती है। शुरूआत में सब ठीक रहता है। डीवीवीएनल के अधीक्षण अभियंता जेएस मिश्रा ने बताया कि शॉर्ट सर्किट के पीछे अधिकतर मामलों में कारण अधिक लोड होता है। बिल्डिंग का निर्माण कराते समय जो वायरिंग की क्षमता होती है, वह समय के अनुसार लगातार बढ़ते इलेक्ट्रिॉनिक इक्युपमेंट के चलते कम हो जाती है। वायर पर जब अधिक लोड पड़ता है तो वह हीट होना शुरू हो जाते हैं। यही शॉर्ट सर्किट की वजह बनता है। अंडरग्राउंड होने के कारण ये आसानी से नजर भी नहीं आता। अंदर ही अंदर स्पार्किंग होती रहती है।
यहां शॉर्ट सर्किट का खतरा अधिक
अगर सर्किट से पहले तार को कहीं ज्वाइंट किया जाता है, तो लोड बढऩे के साथ ही वहां तार हीट होना शुरू हो जाते हैं। इससे ज्वाइंट वाली जगह पर शॉर्ट सर्किट की आशंका अधिक रहती है।
इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट कैसे होता है?
घर के इलेक्ट्रिक सर्किट में एकदम से ज्यादा करंट फ्लो होने लगता है, जिससे तारों का इंसुलेशन मटेरियल आग पकड़ लेता है। दोनों तार आपस में चिपक जाते हैं। इसी वजह से शॉर्ट सर्किट की समस्या आती है।
किन कारणों से होता है शॉर्ट सर्किट
1. जब एक ही सॉकेट में कई सारे उपकरण जुड़े होते हैं या कम पॉवर वाले सॉकेट में हाई वोल्टेज वाले उपकरण जोड़ दिए जाते हैं, तब तारों में बिजली का फ्लो एकदम से बढ़ जाता है, जो शॉर्ट सर्किट का मुख्य कारण बनता है।
2. यदि सर्किट में प्रयुक्त तारों का इंसुलेशन जल जाता है या उपयोग किए जाने वाले उपकरण के दोषपूर्ण होने के कारण लाइव तार और न्यूट्रल तार सीधे संपर्क में आते जाते हैं, तो सर्किट में करंट बढ़ जाता है और शॉर्ट सर्किट होता है।
शॉर्ट सर्किट को कैसे रोका जाए
1. उपयोग के बाद उपकरणों के प्लग को सॉकेट से निकाल दें।
2. प्लग को निकालते समय सॉकेट को दूसरे हाथ से पकड़कर रखें।
3. उपकरणों के प्लगों और बिजली के तारों को पानी और आग से दूर रखें।
4. एक ही सॉकेट में ज्यादा उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए मल्टी प्लग का उपयोग करें।
5. एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन आदि उपकरणों के प्लग 16 एम्पेयर के पावर सॉकेट में ही लगाएं।
6. ऐसे उपकरणों को सुधरवाएं या उपयोग न करें, जिनकी केबल डैमेज हो।
7. कभी भी केबल को कारपेट आदि के नीचे न फैलाएं।
8. ऐसे सॉकेट को बदलवा दें या उनका उपयोग न करें, जिनपर जलने के निशान हो या जिनमें से गंध आ रही हो।
वायरिंग पर तय कैपेसिटी से अधिक लोड पड़ता है तो शॉर्ट सर्किट की आशंका रहती है। वायरिंग की कैपेसिटी के अनुसार ही बिल्डिंग में इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट का इस्तेमाल होना चाहिए, अगर लोड बढ़ रहा है तो उसी के अनुसार वायरिंग को मोडिफाई कराया जाना चाहिए।
- जेएस मिश्रा, अधीक्षण अभियंता, डीवीवीएनएल