मोक्षधाम शिफ्ट करने की कवायद खत्म, बीच का रास्ता निकला
धुआं के साथ उठने वाले कार्बन के कण एव्जॉर्ब करेगी मशीन
आगरा। न मोक्षधाम शिफ्ट होगा और ना मुमताज महल की सफेदी कम होगी। मोक्षधाम से उठने वाले धुएं के गुबारों को रोकने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण की कवायद शुरू हो गई है। पब्लिक की भावनाओं से खिलवाड़ न होने देने और दुनिया भर के पर्यटकों को ताजमहल की खूबसूरती परोसने के लिए प्राधिकरण अत्याधुनिक मशीन मोक्षधाम में लगाने जा रहा है। इससे शव की चिता जलने के दौरान धुआं आसमान में गुबार के रूप में नजर नहीं आएगा। धुएं के साथ उठने वाले कार्बन के कण भी ताजमहल को काला नहीं कर सकेंगे।
कार्बन के कण करते हैं ताज को काला
सुप्रीम कोर्ट ने आगरा को ताजमहल के लिहाज से प्रदूषण मुक्त करार दे रखा है। इसी वजह से ताज ट्रिपोजियम जोन बनाया है। जिसमें कोई भी प्रदूषण फैलाने वाली इकाई, वाहन और अन्य उद्यमों को स्थापित अथवा संचालित नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसके बावजूद ताजमहल के बगल में स्थित मोक्षधाम को शिफ्ट नहीं किया जा सका है। हालांकि यहां एक विद्युत शवदाह गृह भी है, लेकिन कर्मकांड पर विश्वास करने वाले अधिकांश लोग शवों को जलाना ही पसंद करते हैं। इससे यहां काफी धुआं उठता है। धुएं के गुबार के साथ कार्बन के कण भी ताजमहल को काला करते हैं।
मोक्षधाम हटाने पर उतरे थे शहरवासी सड़क पर
लिहाजा, तत्कालीन कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने मोक्षधाम को शिफ्ट किए जाने का प्रयास किया था, लेकिन शहर भर में आंदोलन होने लगा। विरोध के स्वर उठते देख प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। अब प्रशासन के अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकाला है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में आगरा विकास प्राधिकरण मोक्षधाम में 'उड़न फायर' लगाने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इंतजाम
'उड़न फायर' नाम की ये मशीन शवों को जलाने के दौरान उठने वाले धुएं और कार्बन के कणों को तत्काल एव्जॉर्ब कर लेगी। फिर कार्बन कण ताजमहल को काला नहीं कर सकेंगे। फिलहाल मशीन को स्थापित करने के लिए फाउंडेशन बनाने की तैयारी चल रही है। एक महीने के अंदर मोक्षधाम में यह अत्याधुनिक मशीन लग जाएगी।