आगरा(ब्यूरो)। एसीएमओ डॉ। अमित रावत ने बताया कि भगवान टॉकीज सर्विस रोड स्थित श्री हरि हॉस्पिटल में आईसीयू में मरीजों का इलाज करने वाले एनेस्थेस्टि डॉ। सचिन नाकरा ने हॉस्पिटल में सेवाएं देना बंद कर दिया था। दो दिन पहले इसकी सूचना सीएमओ कार्यालय में दी थी। इसके बाद हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया, 20 बेड के हॉस्पिटल में आईसीयू में तीन मरीज भर्ती थे। मरीजों को डॉ। सचिन नाकरा के नाम से भर्ती किया गया था, लेकिन वे नहीं मिले। पर्सनल इंचार्ज डॉ। सुशील कुमार गुप्ता हॉस्पिटल में मौजूद थे। हॉस्पिटल में सात मरीज भर्ती थे। बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरह से निस्तारण नहीं हो रहा था, इसके साथ ही कई और कमी भी मिली। डॉ। रावत ने बताया कि निरीक्षण के बाद में हॉस्पिटल में नए मरीज भर्ती करने पर अस्थाई रोक लगा दी है, कमियों को पूरा कर जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।

डॉक्टर के बिना हो रहा इलाज
हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन में संचालक द्वारा पांच से आठ डॉक्टरों का नाम दर्ज किया जाता है। मगर, वे इलाज करने के लिए नहीं आते हैं। 50 से अधिक अस्पतालों में डॉक्टरों के बिना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर को एक बार बुलाया जाता है, इसके बाद झोलाछाप इलाज करते हैं। मगर, स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच नहीं करती है इसलिए इस तरह के मामले पकड़ में नहीं आ रहे हैं।

एक डॉक्टर, कई हॉस्पिटल
बीते चार से पांच माह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा हॉस्टिपल के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के दौरान सत्यापन किया गया था। इस दौरान 15 डॉक्टरों के नाम से कई जिलों में 449 हॉस्पिटल और लैब रजिस्टर मिले थे। जबकि नियमानुसार एक डॉक्टर एक ही अस्पताल में पूर्णकालिक सेवा देने का प्रावधान है। उस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाया था। तब कई हॉस्पिटलों ने डॉक्टरों के न होने पर खुद ही सरेंडर कर दिया था। कई डॉक्टरों ने भी सत्यापन कराया था।


निरीक्षण के बाद में हॉस्पिटल में नए मरीज भर्ती करने पर अस्थाई रोक लगा दी है, कमियों को पूरा कर जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।
- डॉ। अमित रावत, एसीएमओ