आगरा। टूरिज्म इंडस्ट्री के लोगों का मानना है कि ताजमहल जब तक टूरिस्ट्स के लिए खुला था, तब तक कोई विवाद नहीं होता था। जबसे सैलानियों के लिए विभिन्न कारणों से ताजमहल के कई हिस्सों को बंद किया गया तबसे विवाद को भी हवा मिलती रही। एएसआई ने बीते 50 साल में कई हिस्सों को बंद किया कर दिया गया है।
मीनारों पर जाते थे टूरिस्ट्स
ताजमहल की चारों मीनारों में टूरिस्ट्स पहले न केवल घूम फिर सकते थे, बल्कि सबसे ऊपर भी पहुंच सकते थे, लेकिन कई टूरिस्ट्स जोड़ों द्वारा मीनारों से कूदकर आत्महत्या करने के मामलों पर सुरक्षा कारणों से इन्हें सबसे पहले बंद किया गया। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के राजीव सक्सेना बताते हैं कि आत्महत्या के मामलों के बाद मीनारों पर प्रवेश बंद कर दिया गया और मीनारों में नीचे दरवाजों पर ताला लगाया गया। 1970 के दशक में मीनारें बंद होने के बाद तहखानों को बंद किया गया।
उत्तरी दीवार के दरवाजे बंद
ताजमहल में एएसआई ने न केवल मीनारों और तहखाने को बंद किया, बल्कि उत्तरी दीवार के दोनों दरवाजे बंद कर दिए, जहां से कभी शहंशाह शाहजहां ताजमहल आते थे। आगरा किले से ताजमहल तक नाव के जरिए वह उत्तरी दरवाजों से ही पहुंचते थे और सीढिय़ों के जरिए चमेली फर्श तक पहुंचते थे। एएसआई ने 1978 की बाढ़ के बाद यमुना किनारे की उत्तरी दीवार पर दोनों दरवाजों को हटाकर उनकी जगह लाल ईंटों की दीवार से उन्हें बंद कर दिया गया। ताजमहल के उत्तरी छोर का मूल स्वरूप इससे बिगड़ गया।
विशेष अवसर पर खोले जाएं बंद हिस्से
आगरा टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोड़ा बताते हैैं कि ताजमहल के विभिन्न बंद हिस्सों को विशेष अवसर पर खोलना चाहिए। इससे टूर्स्टिस को ताज के इन हिस्सों को भी देखने का मौका मिलेगा। इससे विवाद भी नहीं उठेंगे। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा कि जैसे नाइटव्यू के लिए ताजमहल को खोला जाता है, वैसे ही बंद हिस्सों के लिए अलग से टिकट जारी करके लिमिटेड टूर्स्ट्सि को ये बंद हिस्से दिखाए जा सकते हैैं।