- टूरिज्म का बजट में जिक्र तक नहीं, आगरा की इकोनॉमी है टूरिज्म के इर्द-गिर्द
- कोरोना के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ा था गहरा असर, लाखों लोग हैं प्रभावित
3.5 से ज्यादा टूरिस्ट्स आते हैं आगरा हर साल
50 हजार करोड़ से ज्यादा का बिजनेस होता है टूरिज्म इंडस्ट्री से एक सीजन में
470 टूरिस्ट गाइड हैं मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म से अपू्रव्ड
10 हजार कुल गाइड हैं आगरा में
15 हजार से ज्यादा लोगों को होटल इंडस्ट्री से मिलता है रोजगार
40 हजार टूरिस्ट्स रोज आते थे ताज देखने
आगरा। सोमवार को पेश हुए बजट में ताजनगरी की टूरिज्म इंडस्ट्री को निराशा मिली। कोरोना के कारण वेंटिलेटर पर आ चुकी टूरिज्म इंडस्ट्री को राहत की ऑक्सीजन तक नहीं मिली। उन्हें इस बजट से काफी उम्मीदें थी। लेकिन बजट में टूरिज्म को कुछ न मिलने से व्यवसायी मायूस हैं।
आगरा की इकोनॉमी टूरिज्म पर आधारित
आगरा में ताजमहल है, जिसे दुनियाभर के टूरिस्ट्स देखने आते हैं। टीटीजेड होने के कारण आगरा से कई उद्योगों को हटा दिया गया और नए उद्योग भी शुरू नहीं हो सके। इस कारण आगरा में मेजर इंडस्ट्री टूरिज्म ही है और इसी के इर्द-गिर्द आगरा की इकोनॉमी घूमती है, लेकिन कोरोनावायरस के कारण टूरिज्म इंडस्ट्री वेंटिलेटर पर आ गई। ताजमहल तो खुल गया लेकिन आगरा के 80 परसेंट होटल अभी भी बंद पड़े हुए हैं। इसके साथ ही टूरिज्म से जुड़े अन्य सेक्टर्स भी ठप पड़े हुए हैं। आगरा में टूरिज्म इंडस्ट्री से लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार मिलता है। इसमें गाइड, फोटोग्राफर्स, टैक्सी ड्राइवर्स, रेस्टोरेंट और होटल में काम करने वाले लोग, हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग सहित कई सेक्टर्स शामिल हैं।
आगरा में आते हैं लाखों टूरिस्ट्स
आगरा में ताजमहल है, मोहब्बत की वो निशानी जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं। अनुमान लगाया जाए तो यहां पर सालभर में तीन लाख से ज्यादा टूरिस्ट्स शिरकत करते हैं। लेकिन अब कोरोनावायरस के कहर के बाद पूरी दुनिया में कोई भी ट्रैवल करने से बच रहा है। ताजमहल खुलने के बाद भी फिलहाल देसी टूरिस्ट्स ही आगरा आ रहे हैं। टूरिस्ट वीजा पर रोक होने के चलते इंटरनेशनल टूरिस्ट्स फिलहाल इंडिया नहीं आ रहे हैं। इसलिए आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री को दोबारा से पटरी पर आने में वक्त लगेगा। ऐसे में 10 महीने से बंद पड़ी टूरिज्म इंडस्ट्री को राहत पैकेज की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला। व्यापारियों को टैक्स में छूट, राहत पैकेज, जीएसटी में कमी, इनकम टैक्स की डेट आगे बढ़ाना जैसे कदमों की आस थी। लेकिन ऐसा न होने व्यवसाईयों को निराशा हुई है।
टूरिज्म इंडस्ट्री से कई सेक्टर्स को रोजगार
आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री से कई छोटे-बड़े कारोबार जुड़ हुए हैं। होटल, रेस्टोरेंट्स, ट्रैवल एजेंसीज, फोटोग्राफर्स, टूर ऑपरेटर्स, हैंडीक्राफ्ट, गाइड्स ये सभी आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े वे सेक्टर हैं जिनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। अब जब तक हालात फिर से सामान्य नहीं हो जाते हैं तबतक टूरिज्म से जुड़े ये सभी सेक्टर्स ठप ही रहेंगे।
टूरिज्म इंडस्ट्री को बजट से काफी उम्मीदें थी। आगरा में टूरिज्म से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। कोरोना के चलते इंडस्ट्री प्रभावित हुई है। होटल्स के खर्चे बरकरार हैं, लेकिन कोई धंधा नहीं है। सरकार ने बजट में टूरिज्म को कुछ नहीं मिला।
-राकेश चौहान, प्रेसिडेंट, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन
टूरिज्म ऐसी इंडस्ट्री है, जिसे बजट में सबसे ज्यादा कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन बजट में टूरिज्म का जिक्र नहीं हुआ। जबकि टूरिज्म देश की जीडीपी में 10 परसेंट की भागीदारी रखता है। देशे टोटल एंप्लॉयमेंट में भी 9 परसेंट टूरिज्म का पार्ट है।
-संदीप अरोरा, प्रेसिडेंट, टूरिज्म डेवलेपमेंट फाउंडेशन
टूरिज्म और हैंडीक्राफ्ट दोनों को ही कोई राहत नहीं मिली। इससे व्यवसायी मायूस हैं। दोनों ही इंडस्ट्री को कुछ न कुछ मिलने की काफी जरूरत थी। हैंडीक्राफ्ट्स पर जीएसटी में कमी लाने की जरूरत थी। इन दिनों हैंडीक्राफ्ट के कारोबारी और शिल्पी दोनों ही बेरोजगार हैं।
-प्रहलाद अग्रवाल, प्रेसिडेंट टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन