आगरा(ब्यूरो)। शहर के बिजनेस हब संजय प्लेस की हालत दयनीय है। यहां कंप्यूटर मार्केट के पास यूरिनल प्वॉइंट बना हुआ है लेकिन कोई साफ-सफाई नहीं हो रही है। रास्ते से निकलने वाले लोगों को बदबू के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। आसपास मार्केट में दुकानदारों को रोज बदबू से दो-चार होना पड़ता है। रवि ने बताया कि 15-20 दिन बाद सफाई कर्मचारी इस यूरिनल को साफ करने आता है। बदबू और गंदगी के बीच इसी यूरिनल प्वॉइंट पर लोग टॉयलेट करने को मजबूर होते हैं।

चंदा कर कराते हैं सफाई
संजय प्लेस कंप्यूटर एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी चतुर्भुज तिवारी ने बताया कि पूरे बाजार में कहीं भी टॉयलेट की प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। जहां टॉयलेट बने भी हुए हैं तो वहां कब्जा कर रखा है। टॉयलेट की लाइन सीवर में कनेक्ट ही नहीं है। बदबू और गंदगी के चलते दुकानों पर बैठना भी मुश्किल हो जाता है। क्षेत्रीय दुकानदार चंदा कर साफ-सफाई करने को मजबूर होते हैं। हाल ही में जनकपुरी आयोजन के दौरान बाजार में विकास कार्य होने की उम्मीद थी। लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।

भगवान टॉकीज चौराहे पर भी हालत खराब
शहर के प्रमुख चौराहे भगवान टॉकीज पर रोज सैकड़ों सवारी वाहनों का स्टॉपेज होता है। हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है। यहां चौराहे के पास नगर निगम की ओर से यूरिनल प्वॉइंट बनाया गया है। लेकिन यूरिनल सड़कों पर बहता है। राहगीरों को बदबू के बीच से निकलकर ही गुजरना पड़ता है। टॉयलेट पर गंदगी इस कदर रहती है कि लोग इसका इस्तेमाल करने के बजाय खुले में टॉयलेट करने को मजबूर होते हैं।


भगवान टॉकीज से रामबाग तक कोई भी ऐसा पब्लिक टॉयलेट नहीं मिलता, जो गंदा न मिले। शहर में स्वच्छता की जांच करनी है तो टॉयलेट की स्थिति देख ली जाए। गंदगी का अंबार लगा रहता है।
रवि राठौर

भगवान टॉकीज चौराहे पर शहर के साथ बाहरी लोगों का भी बड़ी संख्या में आवागमन होता है। बावजूद इसके टॉयलेट की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग खुले में टॉयलेट करने को मजबूर होते हैं।
प्रशांत सोनी

संजय प्लेस को शहर का बिजनेस हब कहा जाता है। बैंकों के साथ विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की यहां शॉप हैं। कंप्यूटर का मार्केट है। सरकारी ऑफिस भी हैं। बावजूद इसके यहां टॉयलेट की स्थिति बदहाल है।
चतुर्भुज तिवारी