आगरा(ब्यूरो)। बाह तहसील के गांव रुदमुली में 8 साल का बच्चा गांव में ही स्थित स्कूल में कक्षा चार का छात्र था। ग्रामीणों के अनुसार करीब डेढ़ महीने पहले स्कूल जाते हुए उसको डॉग बाइट हुई। चोट ज्यादा नहीं आई थी। इसलिए बच्चे ने घर में कुत्ते काटने के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। पिता अरविंद के मुताबिक 7 दिन पहले अचानक उनके बेटे की हरकतें कुछ अजीब हो गईं। वो बात-बात पर जीभ निकालने लगता। फिर अजीब हरकतें करने लगता था।

दो दिन इलाज के बाद तोड़ा दम
शरीर को अजीब तरीके से मोड़कर बैठने लगा। शुरू में उन्हें लगा कि ये उसकी शरारत है। तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर जब उसे एसएन मेडिकल कॉलेज ले गए। तो पता चला की उसे रैबीज हो गया है। 2 दिन इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बालक का अंतिम संस्कार कर दिया है।

मौत होने तक बरसाते रहे लाठी-डंडे
घटना के बाद से ग्रामीणों में गांव में कुत्तों को लेकर आक्रोश था। एक ग्रामीण ने बताया कि जिस कुत्ते के काटने से बच्चे की मौत हुई थी, उसकी मौत हो चुकी थी। हाल ही में एक कुत्ते ने दो और बच्चों को काटा था। बच्चे की मौत के बाद से ग्रामीण आक्रोशित थे। सबने मिलकर पागल कुत्ते को गांव से बाहर खदेडऩे का निर्णय लिया। सब लोग कुत्ते की तलाश करने लगे। उसी समय वो कुत्ता दिखाई दिया। गांव के लोगों ने उसे घेर लिया। कुत्ते पर पत्थर बरसाए। लाठी डंडे बरसाए, जब तक कि कुत्ते की मौत नहीं हो गई।


बेजुबानों के साथ इस तरह का सलूक उचित नहीं है। कॉलोनियों में जहां भी डॉग हैं, वहां लोगों को अवेयर होना चाहिए। हमारी संस्था की ओर से डॉग्स को लगातार एंटी रैबीज की वैक्सीन लगवाई जाती है। अगर डॉग्स के साथ सही व्यवहार होगा तो वह क्यों अग्रेसिव होंगे।
विनीता अरोरा, कैस्पर्स होम

किसी भी बेजुबान के साथ इस तरह की घटना उचित नहीं है। अगर डॉग को कोई समस्या थी तो हमारी संस्था से संपर्क कर सकते थे या क्षेत्रीय किसी संबंधित विभाग से संपर्क किया जा सकता था। पर जानवरों से इस तरह की हिंसा उचित नहीं है1
रामअवतार, मैनेजर, पीएफए