आगरा(ब्यूरो)।इसमें उन्होंने इस बात का प्रमुखता से उल्लेख किया है कि वे किसी कीमत पर पुश्तैनी मकान को नहीं छोड़ेंगे, फिर चाहे उन्हें भूखा ही क्यों न मरना पड़े।

किराए में खत्म हो जाएगी मजदूरी
टीला माईथान में धर्मशाला की दुहाई के दौरान हुए हादसे के बाद से प्रशासन ने छह मकानों को चिह्नित किया है, जिन्हें तोड़ा जाना है। इसके लिए उन्हें पथौली में मकान उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रशासन की ओर से भरोसा दिया गया है। इस पर पीडि़त लोगों ने कहा कि उन्हें शास्त्रीपुरम में मकान उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब पथौली में मकान दिए जाने की बात कही जा रही है। उनका कहना है कि जो उनका कार्य स्थान है, उससे पथौली लगभग 20 किलोमीटर दूर है। इस स्थिति में घर पर बच्चों को छोड़कर काम पर जाना आसान नहीं होगा। पीडि़त आरती शर्मा और प्रवीन शर्मा आदि का कहना है कि उन्हें छह से सात हजार रुपए मजदूरी मिलती है। इतनी दूर आने-जाने में ही सारे पैसे खर्च हो जाएंगे।

प्रशासन की ओर से नहीं किया गया स्पष्ट
पीडि़त लोगों का कहना है कि पुश्तैनी मकान को लेकर प्रशासन की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। उनका कहना है कि वे किसी कीमत पर पुश्तैनी मकानों को नहीं छोड़ सकते हैं। फिर चाहे इसके लिए उन्हें कोई कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव में उनके मकानों को भू-माफियाओं को देने की योजना बनाई जा रही है। ऐसा किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।

पांच-पांच लाख की राहत राशि कराई जाए उपलब्ध
पीडि़त परिवारों का कहना है कि उनके घरों में जरूरी सामान से लेकर नगदी और सोना-चांदी सब कुछ दब गया है। कामकाज सबकुछ छूट गया है। परिवार के भरण-पोषण के लिए सभी को पांच-पांच लाख रुपये की मदद दी जाए।

इन्होंने लिखा है डीएम को पत्र
बाबी बघेल, आरती शर्मा, प्रवीन शर्मा, मुकेश शर्मा और मनोज शर्मा आदि।

टीला माईथान में मिट्टी भराव का कार्य जारी है। मिट्टी लेकर लगातार डंपर पहुंच रहे हैं। अब तक 110 डंपर मिट्टी डाली जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि डंपर की संख्या 150 से अधिक पहुंच सकती है।