आगरा(ब्यूरो)। रविवार रात आठ बजे चार जेसीबी, एक पोकलेन और 17 डंफरों से मिट्टी का उठान शुरू किया था। सोमवार सुबह तीन बजे तक एक हजार टन चिकनी मिट्टी का भराव किया। सुबह चार बजे तेज वर्षा के चलते काम रुक गया। टीम ने आठ बजे फिर से काम शुरू किया। दोपहर 12 बजे टीला माईथान में जेसीबी मशीन से मिट्टी को समतल किया जा रहा था। जेसीबी फंसने से काम रुक गया।

रामलीला मैदान में दो डंफर फंस गए

ट्रेलर में लादकर पोकलेन को लाया गया। दोपहर साढ़े 12 बजे फिर से काम शुरू हुआ। इस बीच तेज वर्षा के चलते रामलीला मैदान में दो डंफर फंस गए। यह डंफर एक घंटे के बाद दूसरे वाहन की मदद से निकाले जा सके। इसके बाद मिट्टी उठान का काम शुरू हो सका। रात आठ बजे तक 1400 टन मिट्टी का भराव कर दिया गया था। एडीएम सिटी अंजनी कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि मंगलवार सुबह 11 बजे तक मिट्टी भराव पूरा हो जाएगा। इसके बाद जर्जर भवनों को तोडऩे का कार्य शुरू होगा। यूपीएमआरसी की टीम में परियोजना निदेशक आगरा अरङ्क्षवद राय, परियोजना निदेशक भूमिगत मेट्रो नरेंद्र कुमार, सुधीर कुमार, अमित कुमार, एससी कनौजिया शामिल हैं।

यूं बन रहा ढलानयुक्त रास्ता
टीला माईथान स्थित धर्मशाला में बलुई और चिकनी मिट्टी है। यह मिट्टी पुरानी है। इसके चलते मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गई है। तकनीकी कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि जर्जर भवनों तक पहुंचने के लिए 45 फीट ऊंचाई तक ढलानयुक्त रास्ता बनाया जा रहा है। इसके लिए दस फीट का पहले बेस बन रहा है। इस बेस के दोनों ओर मिट्टी की दीवार बनाई जा रही है। इस दीवार को पहले से मौजूद पक्की दीवार सपोर्ट कर रही है फिर पोकलेन से मिट्टी की परत बनाई जा रही है। यह परत लगातार मोटी होती जाएगी। इस मोटी परत को ढलानयुक्त बनाया जाएगा। यह रास्ता इस तरीके से बनाया जा रहा है कि अगर तेज वर्षा होती है तो मिट्टी कम से कम बहे। रास्ता बनने से पोकलेन आसानी से जर्जर मकानों तक पहुंच सकेगी। यूपीएमआरसी आगरा के परियोजना निदेशक अरङ्क्षवद कुमार ने बताया कि रामलीला मैदान और बमरौली कटारा से जिस मिट्टी का उठान किया जा रहा है, वह चिकनी है। यह मिट्टी टीला माईथान की मिट्टी से कहीं बेहतर है। मिट्टी के कण बड़े हैं। मजबूती अधिक है। वर्षा से मिट्टी गीली हो गई है। दो डंफर गीली मिट्टी पर एक डंफर सूखी मिट्टी डाली जा रही है।

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अधिकारियों ने किया निरीक्षण : एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों ने टीला माईथान का निरीक्षण किया। मिट्टी के भराव की जानकारी ली।