आगरा(ब्यूरो)। शहर के अंदर भारी वाहनों को रोकने और छोटे वाहनों द्वारा आसानी से फैक्टरी तक सामान पहुंचाने के लिए सिटी लॉजिस्टिक प्लान तैयार बनाया जा रहा है। प्लान के कंसल्टेंट के रूप में राइट्स लिमिटेड की नियुक्ति की गई है। राइट्स लिमिटेड की ओर से ही आगरा मेट्रो की डीपीआर तैयार की गई थी। अगले 7 से 10 दिनों में इसके लिए स्टेक होल्डर्स की बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें सिविल सोसाइटी, ट्रांसपोर्टर्स, होलसेल कारोबारी, ट्रैफिक पुलिस के साथ विभिन्न सरकारी विभाग के अधिकारी आदि शामिल होंगे। इस बैठक में मिले सुझाव और चर्चा के फाइनल प्लान तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
क्या है लॉजिस्टिक?
लॉजिस्टिक्स एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें माल, सेवाओं, सूचनाओं को योजनाबद्ध तरीके से उत्पादन वाले स्थान से उपयोग वाले स्थान पर पहुंंचाने की सुविधा दी जानी है। शहरों में फ्रेट सेंटर विकसित करने, रात के समय डिलीवरी, ट्रक रूट विकसित करने, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और आधुनिक तकनीक का उपयोग, शहर माल ढुलाई में विद्युतीकरण को बढ़ावा देना, पार्सल डिलीवरी टर्मिनल आदि की सुविधा दी जानी है।
सिटी लॉजिस्टिक प्लान से ये होगा फायदा
- भारी वाहनों के चलते जाम नहीं लगेगा
- वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा
- वाहनों के शोर से राहत मिलेगी
- शहर में आर्थिक गतिविधि तेज होंगी
शहर में प्रमुख कारोबार
- शू कारोबार
- हैंडीक्राफ्ट बिजनेस
- ग्रॉसरी का होलसेल
- पेठा कारोबार
- कपड़ा
- मशीन एंड टूल्स
- दवा कारोबार
- सराफा
- मार्बल
लॉजिस्टिक हब बनाए जाएंगे
बाहर से जो सामान शहर में आता है, वह रिटेलर या वेयरहाउस तक किस तरह पहुंचता है? उसकी वजह से क्या ट्रैफिक समस्याएं आती हैं? आदि बिन्दुओं के समाधान को सिटी लॉजिस्टिक प्लान में समाधान खोजा जाएगा। शहर में मौजूदा समय में जो लॉजिस्टिक के प्रमुख स्पॉट हैं। जहां भारी वाहनों के जरिए बाहर से सामान लाया जाता है। इस स्पॉट से किस तरह छोटे-छोटे वाहनों के जरिए सामान को कारोबारियों और गोदामों तक पहुंचाया जाता है, ये भी देखा जाएगा। सिटी लॉजिस्टिक प्लान के जरिए शहर के बाहरी एरियाज में विभिन्न डायरेक्शन में लॉजिस्टिक हब डेवलप किए जाएंगे। इन लॉजिस्टिक हब तक एप्रोच के लिए शहर के अंदरूनी एरियाज में जो छोटे-छोटे बाईपास हैं, उनसे कनेक्ट किया जाएगा। अगर इस दौरान कोई रास्ता संकरा होगा तो उसका चौड़ीकरण किया जाएगा। जरूरत होने पर नए मार्ग भी बनाए जाएंगे।
अभी क्या स्थिति है?
मौजूदा समय में शहरभर में विभिन्न जगहों पर ट्रांसपोर्ट कंपनी संचालित हैं। यमुना किनारा से लेकर आईएसबीटी के साथ शहर के विभिन्न एरियाज में माल ढुलाई का कारोबार होता है। इसके चलते भारी वाहन शहर के अंदर एंटर करते हैं। जो जाम के साथ पॉल्यूशन का कारण भी बनते हैं। इसके साथ ही कारोबारियों को सामान रिटेलर तक पहुंचाने में भी कड़ी मशक्कत का सामना करना होता है। सीएलपी बनने के बाद कारोबारियों को राहत मिलेगी। शहर में आर्थिक गतिविधि तेज होंगी।
प्लान कई बने, एक जगह शिफ्ट नहीं हो सका ट्रांसपोर्ट कारोबार
पहले ट्रांसपोर्ट नगर यमुना किनारे होता था। हाथीघाट, दरेसी नंबर 2-3, यमुना किनारा, सक्सेरिया रोड, फ्री गंज में ट्रांसपोर्ट कंपनियां थीं। बाहर से आना वाला माल यहीं उतरता था। यहां से शहर में सामान की डिलीवरी होती थी। ताज पर आने वाले वीवीआईपी को जाम व अन्य मुद्दों को लेकर वर्ष 1976 में ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने की शुरूआत हुई। हाईवे स्थित टीपी नगर में ट्रांसपोर्टर को प्लॉट दिए गए। यहां सिर्फ 30 परसेंट कारोबारियों ने ट्रांसपोर्ट कंपनियां खोली। अधिकतर प्लॉट खाली पड़े हैं या फिर उन पर और कोई व्यापार किया जा रहा है।
यहां अब भी संचालित ट्रांसपोर्ट कंपनी
- जीवनी मंडी
- सक्सेरिया रोड
- दरेसी-2,3
- फ्री गंज
- जाटनी का बाग
- मोती कटरा
- वाहरवक्र्स
- 2 एक्सप्रेसवे (यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ एक्सप्रेसवे) शहर से कनेक्ट हैं
- 4 नेशनल हाईवे शहर से होकर गुजरते हैं
- 300 करीब शहर में ट्रांसपोर्ट कंपनियां हैं, विभिन्न एरियाज में
ट्रांसपोर्ट कारोबार के लिए आगरा प्रमुख स्पॉट है। ये शहर नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया को सड़क मार्ग से जोड़ता है। कश्मीर से कोई ट्रक दक्षिण में कहीं जा रहा है तो आगरा से होकर ही गुजरेगा। हमारी तो मांग है कि इनर रिंग रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जमीन दी जाए, जिससे बाहर से आने वाले ट्रक शहर में एंटर ही न हों।
- वीरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, सिटी ट्रांसपोर्ट
प्लान तो कई तैयार किए जाते हैं। सिटी लॉजिस्टिक प्लान भी अच्छा है। लेकिन इसके लिए कारोबारियों और ट्रांसपोर्टर्स से बात की जाए। उनके हित का ध्यान रखा जाए। उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। सुझावों पर अमल हो।
टीएन अग्रवाल, अध्यक्ष, आगरा व्यापार मंडल
सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल इंवेस्टर्स समिट के बाद अब प्रदेश में कारोबारी गतिविधि तेज हो रहीं हैं। सिटी लॉजिस्टिक प्लान से अगर कारोबारियों को माल ढोने में होने वाली परेशानी से राहत मिलती है तो ये अच्छा है। पड़ोसी शहरों में तो हमने पोर्टर सर्विस भी देखी है, जिससे कारोबारियों को काफी सहूलियत मिलती है।
आरके नैयर, अध्यक्ष, आगरा रेडीमेेड गारमेंट ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन
सिटी लॉजिस्टिक प्लान को लेकर जल्द ही सभी स्टेक होल्डर के साथ बैठक की जाएगी। इसके बाद फाइनल प्लान तैयार हो सकेगा।
चर्चित गौड़, वीसी, एडीए