आगरा(ब्यूरो)। गंदगी के चलते संक्रामक बीमारियों की आशंका बढऩे लगी है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने टीपी नगर में कई स्थानों में अव्यवस्थाओं को देखा, जहां नाले और नालियां बंद पड़े मिले, इस कारण रोड पर बह रहा गंदा पानी जिम्मेदार अधिकारियों को लापरवाही उजागर कर रहा था।
नाले और नालियां कचरे से बंद
हाईवे स्थित टीपी नगर में गंदगी का अंबार मिला, ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में नाले और नालियां कबाड़े से बंद मिले। मुख्य मार्गों पर बेकार ट्रक खड़े कर रास्ते बंद किए गए। नगर निगम ने सड़क और नाले का निर्माण किया है लेकिन दोनों सड़कों को जोडऩे के लिए पाटा नहीं। इससे आवागमन प्रभावित हो रहा था। वहीं क्षेत्र में पाॄकग स्थलों पर किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है, नगर निगम और पुलिस प्रशासन की अनदेखी से वाहन कहीं भी खड़े किए जाते हैं। कई जगहों पर मिट्टी उड़ती मिली। वहीं नालियों में पानी निकासी का ठोस इंतजाम भी नहीं किया गया है।
सफाई व्यवस्था हो चुकी है ध्वस्त व्यापारी सौरभ चतुर्वेदी ने बताया कि नगर निगम में सफाई की स्थिति बदतर हो गई है। सफाईकर्मी ट्रांसपोर्ट नगर में नहीं आते हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी मौन हैं। जिम्मेदार शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। यहां गंदगी ने लोगों का काम करना मुश्किल कर दिया है। नालों की गंदगी से आम लोग परेशान हैं। सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। अगर कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
फाइलों में दबे समस्या निस्तारण के आदेश
लगभग तीन चार दशक पूर्व जीवनी मंडी रोड समेत शहर के अन्य हिस्सों में स्थापित ट्रांसपोर्ट इकाइयों को टीपी नगर में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए गए थे। जिन संचालकों द्वारा इकाइयों को शिफ्ट नहीं किया गया, उन पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी प्रभू नारायण सिंह ने टीपी नगर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में कई खामियां उजागर हुईं, क्षेत्र में ठीक से सफाई नहीं हो रही थी। रोड और फुटपाथ पर अतिक्रमण था। नालियां और नाले चोक थे। पार्कों पर कब्जे हो गए थे। इस संबंध डीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्या निस्तारण के आदेश दिए थे लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद आदेश को अमल में नहीं लगा गया। समस्या निराकरण के आदेश फाइलों में दबकर रह गए हैं।
टूरिस्ट को न हो परेशानी इसलिए किया शिफ्ट
हाइवे स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के विकसित होने से पहले यमुना किनारा, जीवनी मंडी, हाथीघाट समेत कई जगह ट्रांसपोर्ट कारोबार संचालित हो रहा है, क्योंकि शहर के सघन क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट कारोबार के संचालन से जाम समेत कई तरह की समस्याएं से आम जनता के साथ-साथ टूरिस्ट को भी परेशान होना पड़ रहा था। इसके चलते नेशनल हाईवे के समीप ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना की गई। आगरा विकास प्राधिकरण की ओर से ट्रांसपोर्ट नगर में 116 भूखंडों की आवंटन प्रक्रिया का संचालन गत वर्षों से किया जा रहा है। इसमें से केवल 11 पर ट्रांसपोर्ट कारोबार चल रहा है, जबकि 105 भूखंडों पर दूसरे व्यवसाय चल रहे हैं। प्रयास कर रहा प्रशासन, आगरा के सघन क्षेत्रों से ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट कराने के लिए गत दिनों से प्राधिकरण से प्रयास तेज कर दिए हैं।
टीपी नगर की यह हैं समस्याएं
-ठीक से सफाई न होना
-रोड और फुटपाथ पर अतिक्रमण
-रोड और गलियां टूटी होना
-डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन न होना
-नाले और नालियां चोक होना
-पार्कों पर साफ-सफाई का अभाव
टीपी नगर योजना एक नजर में
-एडीए ने वर्ष 1976 में टीपी नगर योजना विकसित की थी।
-टीपी नगर का क्षेत्रफल 100 एकड़ है। इसमें 1424 भूखंड हैं।
-भूखंडों का न्यूनतम एरिया पांच वर्ग मीटर और अधिकतम 408 वर्ग मीटर है।
-एडीए ने अब तक 1377 भूखंड आवंटित किए हैं।
-वर्ष 1991 में एडीए ने योजना को नगर निगम को हस्तांतरित किया।
-वर्ष 2018 में टीपी नगर का सर्वे हुआ था। 105 ट्रांसपोर्टर द्वारा अन्य व्यवसाय किया जा रहा था।
-वर्तमान में 47 भूखंड रिक्त हैं। इनका रकबा नौ हजार वर्ग मीटर है।
-एडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर चार भूखंड का आवंटन रद हो चुका है।
टीपी नगर में नगर निगम की अनदेखी से सफाई की स्थिति बदतर हो गई है। सफाईकर्मी ट्रांसपोर्ट नगर में नहीं आते हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी मौन हैं। जिम्मेदार शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। यहां गंदगी ने लोगों का काम करना मुश्किल कर दिया है।
सौरभ चतुर्वेदी, व्यापारी
यमुना किनारा, जीवनी मंडी, हाथीघाट समेत कई जगह ट्रांसपोर्ट कारोबार संचालित हो रहा है क्योंकि शहर के सघन क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट कारोबार के संचालन से जाम समेत कई तरह की समस्याएं से आम जनता के साथ-साथ टूरिस्ट को भी परेशान होना पड़ रहा था। शिफ्टिंग के बाद विकास कार्य पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
नसीम खान, व्यापारी
टीपी नगर में गंदगी के कारण खड़ा होना मुश्किल है। नालों की गंदगी से आम लोग परेशान हैं। सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। अगर कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
यतिन शर्मा, ट्रांसपोर्ट व्यापारी