आगरा.( ब्यूरो) : पूर्व आईएमए प्रेसिडेंट डॉ। राजीव उपाध्याय बताते हैैं कि डॉक्टर्स हमेशा से स्वस्थ समाज के प्रहरी रहे हैैं। वह मरीजों की हमेशा से सेवा करते आए हैैं लेकिन अब सोसाइटी और लोगों के लाइफस्टाइल के साथ बीमारियों का स्वरूप भी बदल रहा है। ऐसे में अब हेल्थ कैंप का स्वरूप भी बदलना होगा। पहले की तरह अब मरीजों को दवाएं देने के बजाय मरीजों की बेसिक हेल्थ का चेकअप करना होगा। हेल्थ कैंप में प्रत्येक व्यक्ति का बीपी, कार्डियोग्राम, लंग कैपिसिटी, शुगर की जांच करनी होगी। इससे व्यक्ति की बेसिक हेल्थ की जानकारी मिलेगी। यदि उसे कोई दिक्कत होगी तो उसकी डायग्नोज करनी होगी।
और बेहतर करना होगा रिश्ता
आईएमए आगरा के प्रेसिडेंट डॉ। ओपी यादव ने बताया कि मरीज हमेशा से डॉक्टरों को भगवान मानते आए हैैं। लेकिन बदलते समाज और कॉर्पोरेट कल्चर के कारण मरीज और डॉक्टर के रिश्ते के बीच में कुछ गेप बढ़ा है। इसके लिए कहीं हद तक कुछ डॉक्टर भी जिम्मेदार हैैं। लेकिन इस मरीज व डॉक्टर के इस रिश्ते को और बेहतर करना होगा। डॉक्टरों को और अधिक विश्वास बनाना होगा। मरीजों को भी गरिमा का ध्यान रखना होगा।
कोविड के दौरान भी मरीजों की सेवा
कहते हैैं जब मुश्किल वक्त आए तभी असली रिश्ते की परख होती है। देश के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ। आरसी मिश्रा ने कोविड के मुश्किल वक्त में डॉक्टर और मरीज के बीच के रिश्ते को और अटूट कर दिया। उन्होंने पूरे कोविड के दौरान एक्सीडेंट और इमरजेंसी केसेज को देखा और उनकी सर्जरी भी की। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे मरीजों की सर्जरी नहीं की जाती तो उनकी जान जा सकती थी। डॉ। मिश्रा सालभर में अभी भी 400 से अधिक लोगों के ब्रेन की सर्जरी करते हैैं।
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नई तकनीकी से नेत्र प्रत्यारोपण
एसएन मेडिकल कॉलेज की नेत्र बैंक प्रभारी डॉ। शेफाली मजूमदार ने 70 से अधिक उम्र के बुजुर्ग की कॉर्निया के प्रत्यारोपण से अंधता पीडि़त युवाओं की ङ्क्षजदगी में रोशनी लौटाने के लिए आरपी सेंटर एम्स दिल्ली में अत्याधुनिक तकनीकी डीप एंटीरियर लैमेलर केराटोप्लास्टी का प्रशिक्षण लिया। इस तकनीकी में पूरे कार्निया की जगह परतों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। एक कार्निया दो से तीन मरीजों की रोशनी लौट रही है।
टीबी उन्मूलन के लिए कर रहे काम
एसएन के क्षय एवं वक्ष रोग विभाग के प्रभारी डॉ। जीवी ङ्क्षसह टीबी उन्मूलन के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की यूपी स्टेट टास्क फोर्स का चेयरमैन बनाया गया है। वे 2018 से यूपी स्टेट टास्क फोर्स में काम कर रहे हैं। टीबी उन्मूलन के लिए सरकारी योजनाओं को मरीजों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
मूक-बधिर बच्चों की मुस्करा रही ङ्क्षजदगी
जन्मजात मूक बधिर बच्चों को नि:शुल्क काक्लियर इम्प्लांट के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा योजना चलाई जा रही है। रितिका ईएनटी सेंटर, शांति मधुवन प्लाजा के डा। राजीव पचौरी 11 वर्षों से बच्चों के काक्लियर इम्प्लांट कर रहे हैं। अभी तक 200 बच्चों में सरकार की योजना से निश्शुल्क इप्लांट कर चुके हैं। निजी क्लीनिक पर इम्प्लांट का खर्चा सात लाख है।
कैंसर मरीजों का दर्द कर रहीं कम
एसएन की कैंसर रोग विभाग की एचओडी डॉ। सुरभि गुप्ता इलाज में मरीजों की मदद कर रही हैं। आरोग्य निधि से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का निश्शुल्क इलाज करा रही हैं। आरोग्य निधि का बजट समय से मिल सके, कैंसर मरीजों को इसका लाभ मिल जाए, इसके लिए अतिरिक्त प्रयास कर रही हैं। उनके आवेदन से लेकर दस्तावेज भी तैयार कराती हैं।
डॉक्टर जिनसे आगरा की पहचान
पद्मश्री डॉ। डीके हाजरा - थायराइड की जांच के लिए टीएसएच की खोज में सहभागिता
डॉ। आरएस पारिक - दुनिया भर के होम्योपैथिक चिकित्सकों को प्रशिक्षण
डॉ। एचएस असोपा - पेशाब के रास्ते की सर्जरी के लिए विकसित की असोपा तकनीक
डॉ। एसडी मौर्या - दूरबीन विधि से सर्जरी के लिए देश-विदेश के चिकित्सकों को दिया प्रशिक्षण
डॉ। आरसी मिश्रा - गन शाट इंजरी के इलाज के लिए दुनिया भर में पहचान
डॉ। सरोज ङ्क्षसह - बिना चीरा के बच्चेदानी निकालने की सर्जरी (एनडीवीएच)