स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को गर्भपात के अवैध अड्डे की सूचना कुआं खेड़ा में छापा मारा था। डिलीवरी टेबल पर एक महिला लेटी मिली थी। गर्भपात कराने वाले उपकरण व बायोमेडिकल वेस्ट और इस्तेमाल किए इंजेक्शन मिले। पूछताछ में नर्स स्नेहलता ने बताया था कि वह शांति मांगलिक हास्पिटल में नर्स रही है। वह 25 वर्ष से केंद्र चल रही थी। डा। जितेंद्र लवानिया की तहरीर पर ताजगंज थाने में स्नेहलता के विरुद्ध धोखाधड़ी, बच्चे को जीवित पैदा होने से रोकने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में सामने आया है कि नर्स ने गर्भपात और डिलीवरी के रेट तय कर रखे थे। वह पांच हजार में गर्भपात और 10 हजार में डिलीवरी कराती थी। कुआं खेड़ा के अलावा बुढ़ाना, मियांपुर, बरौली अहीर, बमरौली कटारा, कलाल खेडिय़ा, धांधूपुरा, मदरा समेत एक दर्जन से अधिक गांवों में स्नेहलता का नेटवर्क था। ग्रामीण महिलाएं डिलीवरी और गर्भपात के लिए यहां आती थीं। वह तीन महीने तक का गर्भपात कराती थी। केस बिगडऩे पर उसे ताजगंज के कुछ अस्पतालों में रेफर कर देती थी। कलाल खेडिय़ा में मेन मार्केट के पास तीन दुकानों को किराए पर लेकर अवैध गर्भपात और डिलीवरी का अड्डा चलाती थी। लाकडाउन के दौरान उसने कुआं खेड़ा में चार दुकान किराए पर लेकर काम किया था। नेटवर्क गांवों तक फैला होने के चलते डिलीवरी और गर्भपात के लिए आने वालों को उसके नए ठिकाने का पता था। इंस्पेक्टर जसवीर ङ्क्षसह ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया है। नर्स की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।