आगरा(ब्यूरो)। चांदी के तस्कर अलर्ट हैं, पुलिस से बचने के लिए तस्कर किराए की टैक्सी हायर कर रहे हैं, एक राज्य से दूसरे राज्य में तस्करी की चांदी पहुंचाते हैं। टैक्सी मेें बैठे सप्लायर्स कर इसकी जानकारी तक नहीं होती कि वो कहां चांदी सप्लाई कर रहा है और भेजने वाला कौन है।

फटा नोट रहता है कोर्डवर्ड
चांदी को गैरकानूनी तरीके से सप्लाई करने वाले पुलिस से बचने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, किराए की टैक्सी में चांदी सप्लाई करने वाले सप्लायर को एक नंबर का नोट थमा दिया जाता है, यही नोट का एक टुकड़ा उस व्यक्ति को दिया जाता है, जहां चांदी पहुंचनी हैं। काम पुरा होने पर चांदी को पहुंचाने वाले को उसके रुपए मिल जाते हैं, ये रकम पांच हजार से दस हजार रुपए तक होती है।

13 जून, 2017
-आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर किराए की टैक्सी से चांदी भेजी गई, जो फोर्ट स्टेशन से अहमादाबाद एक्सप्रेस से जानी थी। जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई कर 60 किलो चांदी बरामद की।

14 जनवरी, 2023
-किराए की टैक्सी से पचास किलो चांदी राजस्थान बॉर्डर जानी थी, पुलिस को इसकी खबर मिल गई, धौलपुर से पहले पुलिस ने चांदी बरामद कर ली।

13 अक्टूबर, 2023
-आगरा से एमपी के सागर भेजी चांदी पकड़ी, उक्त चांदी मार्केट में करीब 3 करोड़ 32 लाख 22 हजार 187 रुपए की आंकी गई है।


तस्करों ने अपनाए ये नए तरीके
-लोहे की पायल के साथ चांदी की तस्करी
-इलेक्ट्रिक हॉट प्लेट में छुपकार तस्करी
-ट्रॉली बैग के कवर में छिपाकर
-तस्करों ने एक्सटेंशन वायर में चांदी

वाहनों की लगातार चेकिंग कराई जाती है, अगर कहीं से कोई सूचना मिलती है तो कार्रवाई की जाती है।
चेकिंग भी कराई जाती है।
सूरज राय, डीसीपी