आगरा(ब्यूरो)। हरीपर्वत थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल के कर्मचारी कपिल ने बताया कि उनके स्टाफ का एक साथी पंजाब गया था। वहां उन्हें एक व्यक्ति ने उनको डोले और डीजेआई ग्रुप नाम से एप का ङ्क्षलक वाट््सएप पर भेजा था। एक एप पर 500 रुपए के निवेश पर 40 दिन में 1200 रुपए हो जाने और एक पर 10 हजार के निवेश पर 20 दिन में रकम 27 हजार रुपए हो जाने का दावा किया गया था।
कर्मचारियों ने भी किया निवेश
पैसे निवेश करने पर रकम ढाई गुना करने का लालच दिया गया। इसके बाद उसने दोस्तों को एप के बारे में बताया। कुछ ही दिन में अस्पताल के दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों ने भी निवेश करना शुरू कर दिया। पहली और दूसरी बार में बढ़ी हुई रकम मिलने पर पूरा भरोसा हो गया और सभी ने परिजन और दोस्तों को भी एप के ङ्क्षलक देकर निवेश करने को प्रेरित किया। तीन बार तक रुपए बढ़कर आए और लालच में सभी ने उस रकम के साथ और रुपए मिलाकर निवेश कर दिए।
चौथी बार निवेश करने पर नहीं मिली रकम
चौथी बार किसी की रकम खाते में नहीं आई और एप बंद हो गई। सभी के लगभग 30 लाख से अधिक रुपए की ठगी हो गई। ठगी की साइबर सेल की हेल्पलाइन पर शिकायत की गई है। साइबर सेल के निरीक्षक सुल्तान ङ्क्षसह ने बताया कि लोगों को जागरूक होना जरूरी है। कोई अंजान व्यक्ति बिना कोई काम कराए इतना फायदा कैसे दे सकता है। जिन खातों में ठगी की रकम गई है, उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कुछ खातों को सीज भी किया गया है।
लालच करवा रहा अकाउंट खाली
शाहगंज क्षेत्र के रहने वाले गोलू बजरंग ने बताया कि छह माह पूर्व अवधपुरी के मिक्की ने उन्हें एक एप का ङ्क्षलक दिया था। एप में एक वाइन की बोतल को पांच हजार में खरीदना था। इसके बाद प्रतिदिन 300 रुपए मिलने थे। रकम यूपीआई के माध्यम से निकालने की भी सुविधा थी। निवेश के बाद कुछ दिन तक रुपए मिले और फिर एप अचानक बंद हो गई। ङ्क्षलक देने वाला खुद भी पीडि़त है।
जिन खातों में ठगी की रकम गई है, उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कुछ खातों को सीज भी किया गया है। इस मामले में कार्रवाई की जा रही है।
सुल्तान ङ्क्षसह, प्रभारी निरीक्षक, साइबर सेल
साइबर सेल में ठगी के मामले
-जिले में साइबर ठगी के सामने आए अब तक केस
318
-साइबर ठगी के सबसे अधिक मामले ऑनलाइन फ्रॉड
144
-पुलिस ने रिकवर की ठगी की रकम
95 लाख रुपए
-शिकायतों का किया गया निस्तारण
265