आगरा. यूनिवर्सिटी में डिग्री की समस्या को दूर करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर गई। तत्कालीन प्रभारी कुलपति द्वारा इस संबंध में डिग्री वितरण के लिए शिविर लगाए गए, वहीं कॉलेजों को फ्री डिग्री वितरित की गई, इस संबंध में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई। पूर्व प्रभारी कुलपति द्वारा इस समस्या का निवारण करने के लिए हर संभव प्रयास किए गए, जिसके चलते लाखों स्टूडेंट्स को राहत भी मिली थी।
बड़ी संख्या में किए कर्मचारियों के ट्रांसफर
डिग्री की पेंडिंसी पटलों पर मिलने के बाद पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो। अलोक राय द्वारा यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए, इसमें कुछ एक कर्मचारियों द्वारा ही चार्ज लिया गया, जबकि बड़ी संख्या में कर्मचारी ट्रांसफर आदेश को दरकिनार करते हुए अवकाश पर चले गए। इससे नए लोगों को पटल पर कार्य करने में काफी असुविधा रही।
हजारों की संख्या में आवेदन पेंडिंग
यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों के अभाव में नामांकन विभाग में हजारों की संख्या में डिग्रियां पेंडिंग हैं, ऐसे में कर्मचारियों की अनुपस्थिति के चलते कार्य रुका है, इससे रोजाना सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स डिग्री और मार्कशीट के लिए भटक रहे हैं, ऐसे में दूरदराज से आने वाले स्टूडेंट्स को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वर्जन
होटल मैनेजमेंट के चतुर्थ के स्टूडेंट्स को प्रमोट किया गया है, लेकिन अभी तक फीस जमा नहीं की गई है, कई बार चक्कर लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। रक्षा शर्मा, स्टूडेंट्स
डिग्री के लिए एक महीने पहले एप्लाई किया था, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला। नामांकन विभाग में डिग्री का स्टेटस पिछले 12 दिन से दिखा रहा है।
अजीत, स्टूडेंट्स
शिक्षक भर्ती के लिए मूल दस्तावेज मांगे गए हैं, इसके लिए ऑनलाइन डिग्री के लिए एप्लाई किया था, लेकिन अभी तक कोई तक कोई अपडेट नहीं मिला है, पटल पर कर्मचारी नहीं हैं।
सोनेन्द्र, स्टूडेंटस
डिग्री की व्यवस्था को पहले तक बेहतर किया जाएगा, पन्द्रह दिन के भीतर सभी पेंडिंग डिग्रियों को डिस्पैच किया जाएगा।
अजय यादव, एग्जाम कंट्रोल
-एक महीने पहले किए ट्रांसफर
कर्मचारी
92
-चार्ज लेने वाले कर्मचारी
16
-नामांकन में पेंडिंग आवेदन
45000 से अधिक