आगरा(ब्यूरो)। एयरपोर्ट डायरेक्टर एए अंसारी ने जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की मंशा जताई है। सब कुछ ठीक रहा तो तीन महीने में सिविल एंक्लेव का तीन महीने में टेंडर हो जाएगा और दो साल के भीतर यह तैयार हो जाएगा। आगरा से देशभर और विदेशों के लिए फ्लाइट का संचालन शुरू हो जाएगा। आगरा सिविल एंक्लेव का एंट्रेंस जगनेर रोड स्थित मुल्ला की प्याऊ पर बनेगा। इसके लिए अभयपुरा, धनौली व बल्हेरा की जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पहले टाटा प्रोजेक्ट्स को टेंडर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एमसी मेहता की रिकमंडेशन पर फ्लाइट न बढ़ाने और सर्वे करने का निर्देश दिए। इस कारण यह कार्य रुक गया था। प्रोजेक्ट रुकने से तीन साल तक काम न होने के कारण 350 करोड़ का फंड वापस चला गया था।

इकोफ्रेंडली होगा सिविल एंक्लेव
अब नए स्टैैंडर्ड के साथ सिविल एंक्लेव बनेगा। इसमें दस हवाई जहाज के पार्किंग की जगह होगी। इसके साथ ही कारों के लिए मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। यह इकोफ्रेंडली सिविल एंक्लेव होगा। इसके लिए यहां पर हजारों की संख्या में पेड़ लगाए जाएंगे। लंबे पेड़ बाउंड्री पर लगाए जाएंगे। ताकि वायु व ध्वनि प्रदूषण बाहर तक न पहुंचे।

नहीं होगा ताज को नुकसान
2021 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एफिडेविट दिया। जिसमें लिखे गया कि वायुयान में उपयोग होने वाले फ्यूल एटीएस (एयर टरबाइन फ्यूल) से वातावरण न के बराबर (.02 परसेंट) प्रदूषण होता है। 31 हजार फीट के ऊपर एयरक्राफ्ट उड़ता है जो टीटीजेड के दायरे में नहीं आता है। सिविल एंक्लेव शिफ्टिंग का प्रोजेक्ट है। यह कोई नया प्रोजेक्ट नहीं है। नए प्रोजेक्ट के रूप में इसे दर्शाया गया था। इसके कारण इसमें अड़चन आ रही थी।

पार्किंग चार्ज कम होने से बढ़ेगा टूरिज्म
आगरा सिविल एंक्लेव में हवाई जहाज के पार्किंग चार्ज दिल्ली से भी कम होंगे। इस कारण एयरक्राफ्ट पार्क होंगे। पायलट व एयरहोस्टेस आगरा में रुकेंगे और होटल बुकिंग में इजाफा होगा। आईटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के लिए आगरा आना जाना आसान हो जाएगा। आगरा के स्टूडेंट्स पढऩे के लिए बंगलुरू, मुंबई, पुणे जाते हैैं। उन्हें दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) के तहत इंटरनेशनल फ्लाइट भी बढ़ेंगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार है। आदेश मिलने के बाद सिविल एंक्लेव के निर्माण को प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। फरवरी के अंतिम सप्ताह में फ्लाइंग कंपनियों को नए एयरक्राफ्ट मिलने हैं। उम्मीद है कि फ्लाइंग कंपनियां उनमें से कुछ एयरक्राफ्ट मार्च में आगरा व देश के प्रमुख शहरों के बीच संचालित कर सकती हैं।
-एए अंसारी, डायरेक्टर, एयरपोर्ट

सिविल एन्क्लेव के लिए कानून लड़ाई लड़ी गई है। उसकी बाधाओं को दूर कराया है। अब विभिन्न कंपनियों की उड़ान बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। इससे आगरा के पर्यटन कारोबार को संजीवनी मिलेगी। जूता कारोबार समेत अन्य कारोबार को भी इसका लाभ मिलेगा।
-प्रो। एसपी ङ्क्षसह बघेल, केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री

एयर ट्रैफिक बढऩे पर लगी रोक हटने से उद्योग एवं पर्यटन को सीधा लाभ मिलेगा। एयर कनेक्टिविटी से आईटी उद्योग की संभावना और बढ़ गई है। पिछले दिनों आई नीरी की सेक्टोरियल गाइडलाइन से भी राहत मिली है। अब आगरा विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर होगा।
-राकेश गर्ग, उपाध्यक्ष लघु उद्योग निगम

सिविल एन्क्लेव की आवश्यकता शुरू से थी। लंबे समय से इसके लिए प्रयास हो रहे थे। अब बाधा दूर हुई है, लेकिन पूर्व में दिया गया प्रस्ताव निरस्त हो गया है। इसलिए जनप्रतिनिधियों को विशेष प्रयास करने होंगे, जिससे 2023 में ही इसके निर्माण का सपना पूरा हो सके।
-पूरन डाबर, अध्यक्ष, आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चरर्स एंड एक्सपोटर्स चैंबर

आगरा के कारोबार और पर्यटन को बढ़ाने में सिविल एन्क्लेव पर लिया गया निर्णय बड़ी सफलता है। इससे हवाई आवागमन के संसाधन बढ़ेंगे, जिससे आम लोगों को भी राहत मिलेगी। एन्क्लेव के वायुसेना स्टेशन परिसर में होने से होने वाली परेशानी दूर होगी और सुविधा मिलेगी।
-टीएन अग्रवाल, अध्यक्ष आगरा व्यापार मंडल

सिविल एन्क्लेव वायुसेना परिसर के बाहर बनने से पर्यटकों को काफी सुविधा होगी। वायुसेना परिसर में स्थित एन्क्लेव तक पर्यटकों को पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार को प्राथमिकता के आधार पर बजट आवंटित कर नया एन्क्लेव बनवाना चाहिए।
-राजीव सक्सेना, अध्यक्ष टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा

सिविल एन्क्लेव बनने से पर्यटकों के साथ व्यापारियों को भी सुविधा होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपना काम कर दिया है, अब जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। जनप्रतिनिधि एयरपोर्ट तो दिला नहीं पाए, अब कम से कम एन्क्लेव का निर्माण ही प्राथमिकता से करा दें।
-शिशिर भगत, अध्यक्ष वेकअप आगरा

टाटा ने बनाया था एयरपोर्ट
आगरा एयरपोर्ट की शुरुआत टाटा एयरलाइंस के डाक विमान (डैकोट) के हैंगर के रूप में देश के आजाद होने से पूर्व की गई थी। पृथ्वीनाथ फाटक से आधा किमी दूरी पर स्थित एयरपोर्ट के मुख्य गेट को अब भी टाटा गेट के नाम से जाना जाता है। इसे औपनिवेशिक भारत की रायल इंडियन एयरफोर्स को हस्तांतरित कर दिया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां भारत, चीन और बर्मा की लाजिस्टिक एयर डिपो रही। वर्ष 1947 में देश के आजाद होने के बाद एयरपोर्ट वायुसेना के पास रहा। टाटा एयरलाइंस यहां वायुसेना के सामंजस्य से सीमित फ्लाइट संचालित करती रही। एयरपोर्ट अथारिटी के प्रबंधन में एयरपोर्ट 1972 में आया। वर्ष 1995 में एयरपोर्ट अथारिटी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथारिटी के मिलने से इसके व्यवस्थित विकास का क्रम शुरू हुआ। वर्तमान एन्क्लेव बिङ्क्षल्डग की शुरुआत पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने की थी।

टाइमलाइन
2012 में मायावती सरकार में सिविल एंक्लेव के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ.
2014 में सपा सरकार में अभयपुरा, धनौली में जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव बना.
2016 में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई.
2018 में धनौली में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बाउंड्रीवॉल बनवाई.
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाइट न बढ़ाने और सर्वे करने का निर्देश दिए.
2021 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एफिडेविट दिया.
2022 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सिविल एंक्लेव की योजना को ड्रॉप किया.
2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सिविल एंक्लेव को हरी झंडी दी.

यह होगा खास
10 हवाई जहाज की सस्ती दरों पर पार्किंग की सुविधा
कारों के लिए होगी मल्टीलेवल पार्किंग
इकोफ्रेंडली होगा सिविल एंक्लेव

- पूरी तरह से इकोफ्रेंडली होगा आगरा सिविल एंक्लेव
- एयरक्राफ्ट का पार्किंग चार्ज दिल्ली से भी होगा कम
- होटल बुकिंग बढ़ेंगी, टूरिज्म को होगा फायदा