आगरा(ब्यूरो)। तहसील सदर की टीम हर दिन डूब क्षेत्र का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। वीडियो भी बनाए जाएंगे। यमुना नदी के डूब क्षेत्र में पिछले दिनों राधास्वामी सत्संग सभा ने बोर्ड लगा दिया था। नदी की धारा के पास झोपड़ी बन गई थी। नौकायन किया जा रहा था। शुक्रवार रात इसे हटा दिया गया। शनिवार सुबह सभा के अनुयाइयों ने अपनी जमीन पर बोर्ड लगा दिए और झोपड़ी भी बना ली। दोपहर में तहसील सदर की टीम ने निरीक्षण किया। टीम ढाई घंटे तक डूब क्षेत्र में घूमी और 50 फोटो खींचे गए। टीम के सदस्यों ने मौके से अधिकारियों को वीडियो कॉङ्क्षलग कर भूमि को भी दिखाया। दोपहर तीन बजे इसकी रिपोर्ट डीएम को दे दी गई। डीएम ने बताया कि एडीएम सिटी को निगरानी अधिकारी बनाया गया है।

कंटीले तार में प्रवाहित कर रहे करंट
पोइया घाट स्थित नदी के दूसरी तरह एक खेत में कंटीले तार लगे हुए हैं। आरोप है कि रात में तार में करंट प्रवाहित किया जाता है।


- डूब क्षेत्र में न तो बोर्ड लगेंगे और न ही झोपड़ी बन सकेगी। बिना अनुमति किसी भी तरीके का कोई भी कार्य नहीं हो सकेगा।
नवनीत ङ्क्षसह चहल, डीएम


- प्रशासन के आदेश का सम्मान करते हुए सभी बोर्ड खुद की जमीन पर लगाए गए हैं। हरियाली और सफाई का कार्य पूर्व की तरह चलता रहेगा।
एसके नैय्यर, मीडिया प्रभारी राधा स्वामी सत्संग सभा

नदी के डूब क्षेत्र में से शुक्रवार रात को ही बोर्ड हटा दिए गए थे। सरकारी जमीन पर बिना अनुमति किसी तरह का कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
अनूप कुमार, एडीएम सिटी


सत्संग सभा ने चलाया स्वच्छता अभियान
पोइया घाट पर शुक्रवार रात बोर्ड हटाने के बाद शनिवार को राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने अभियान में योगदान दिया। बच्चों ने भारत के विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी। अलग-अलग जिलों में सभा के अनुयाइयों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम किए, जिनका सजीव प्रसारण किया गया। अभियान की शुरुआत राधास्वामी सत्संग के आचार्य प्रो। प्रेम सरन सत्संगी की उपस्थिति में अध्यक्ष गुरु स्वरूप सूद ने की। सभा द्वारा सार्वजनिक अस्थाई त्वरित चिकित्सा सहायता एवं सुरक्षा केंद्र भी स्थापित किया। स्वच्छता-सांस्कृतिक अभियान एक दशक तक अनवरत चलेगा।


यह है नियम
- यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बिना अनुमति कोई कार्य नहीं किया जा सकता है।
- अगर सफाई करनी है या फिर हरियाली तो इसकी अनुमति जल शक्ति मंत्रालय और ङ्क्षसचाई विभाग से लेनी जरूरी है।
- डूब क्षेत्र में खेती नहीं की जा सकती है।
- नदी में नौकायन नहीं किया जा सकता है।

ये कहती है राधास्वामी सत्संग सभा
- नदी के किनारे सफाई अभियान चलाया जा रहा था। इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं है।
- सफाई या हरियाली के लिए कोई अनुमति नहीं चाहिए। यह जनहित का कार्य है। तभी बोर्ड लगाए गए।
- टीम वनस्पति पर शोध कर रही है। खेती नहीं की जा रही थी।
- सफाई के बाद बड़ी संख्या में लोग आ गए। नौकायन का मजा लेने लगे।


डीएम बोले
- डूब क्षेत्र में बिना अनुमति के कोई भी कार्य नहीं हो सकता है।
- केंद्र सरकार के शासनादेश स्पष्ट हैं। सफाई और हरियाली के कार्य के लिए अनुमति लेनी चाहिए।
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन कराया जा रहा है।
- नौकायन की अनुमति नहीं ली गई।