आगरा(ब्यूरो)। छह फरवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन के निर्माण का शुभारंभ किया था। मेट्रो टनल के निर्माण के लिए किला के सामने रामलीला ग्राउंड में दो टीबीएम को लॉन्च किया गया है। इन टीबीएम को नाम गंगा और यमुना दिया गया है। टीबीएम यमुना ने कार्य शुरू कर दिया है। टीबीएम के शुरूआती फेज में कई कार्य टीम को मैन्युअली करने होते हैं। अभी एक रिंग लगाई जा चुकी है। इसी तरह सात और रिंग लगाए जाने हैं। आठ रिंग लगने के बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंच कर सुरंग का निर्माण करते हुए ताजमहल स्टेशन की ओर बढ़ेगी। वहीं, दूसरी टीबीएम गंगा की असेम्बलिंग का कार्य भी पूरा हो चुका है। मशीन के सबसे अग्रिम भाग कटरहेड को भी लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंचा दिया है।
70 मीटर बाद दूसरी टीबीएम बढ़ेगी
पहली टीबीएम यमुना जब 70 मीटर टनल का खोदाई कंप्लीट कर लेगी, इसके बाद दूसरी टीबीएम गंगा को आगे बढ़ाया जाएगा। दोनों मशीनों के बीच इतना स्पेस रखा जाएगा।
यहां है टीबीएम रूट
टीबीएम को रामलीला मैदान से लॉन्च किया गया है(इसे 'लॉन्चिंग शाफ्टÓ कहा जाता है) और ताजमहल स्टेशन की ओर बढ़ेगी। शाहजहां गार्डन में 'मिड शाफ्टÓ का प्रायोजन दिया गया है, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति में बीच में ही टीबीएम को आसानी से निकाला जा सके। इसके साथ ही ताजमहल के आगे, पुरानी मंडी चौराहे के पास 'रिट्रीवल शाफ्टÓ ( जहां से टीबीएम को निकाला जाएगा) का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह दूसरी टीबीएम आरबीएस कॉलेज मेट्रो स्टेशन से नीचे उतारी जाएगी (लांचिंग शाफ्ट) और जामा मस्जिद स्टेशन के पास निकाली जायेगी, यानी रेट्रीवल शाफ्ट वहीं स्थित होगी। फिलहाल, टीबीएम गंगा- यमुना के जरिए प्रायोरिटी कॉरिडोर में जामा मस्जिद से ताजमहल की दिशा में टनल का निर्माण किया जाएगा।
प्रायोरिटी कॉरिडोर के अंडरग्राउंड स्टेशन
- ताजमहल
- आगरा किला
- जामा मस्जिद
ऐसे होता है मेट्रो टनल का निर्माण
टनल निर्माण की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में पूरी की जाती है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले टीबीएम की लॉन्चिंग हेतु एक लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण किया जाता है। इसके बाद क्रेन की मदद से टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न भागों को लॉन्चिंग शाफ्ट में उतार कर उन्हें असेंबल किया जाता है। असेंबल होने के बाद टीबीएम के जरिए सुरंग निर्माण का काम शुरू किया जाता है। इस दौरान टीबीएम के पिछले हिस्से में स्थित सेगमेंट इरेक्टर की मदद से कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित टनल रिंग सेगमेंट्स को लगाया जाता है। एक टीबीएम दिन में औसतन 10 मीटर टनल का निर्माण करती है।
विभिन्न हिस्सों में बंटी होती है
टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में बंटी होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्र ंट शील्ड में कटिंग हेड होता है, जिसकी मदद से टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खुदाई की करती है। कटिंग हेड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यवस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉजल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हेड पर नहीं चिपकती और आसानी मशीन में लगी कन्वेयर बेल्ट की मदद मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिया में भेज दिया जाता है।
फिल किया जाता है ग्राउटिंग सॉल्यूशन
इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग सॉल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढऩे में मदद करते हैं।
मेट्रो पर एक नजर
लंबाई
29.4 किमी
कॉरिडोर
दो
स्टेशंस
27
डिपो
पीएसी परिसर
कालिंदी विहार
----------------
टीबीएम पर नजर
- 6.6 मीटर डायमीटर की टनल बनेगी
- 1 मीटर की खोदाई में 55 टन मिट्टी निकलेगी
- 5 डिब्बों की टेन मिट्टी को निकालने के लिए चलेगी
- 1 डिब्बे में 15 से 17 टन आएगी मिट््टी
- 5.8 बचेगा ब्लाक लगने के बाद टनल का डायमीटर
अन्य अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन
- आगरा कॉलेज
- एसएन मेडिकल कॉलेज
- राजा की मंडी
- आरबीएस कॉलेज
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट एक नजर में
- 8262 करोड़ रुपए मेट्रो की कुल लागत
- 112 करोड़ रुपए से मेट्रो का पहला डिपो बन रहा है।
- 372 करोड़ रुपये से मेट्रो के तीन स्टेशन ताज पूर्वी गेट, बसई और फतेहाबाद रोड बन रहे हैं
- 1850 करोड़ रुपए से मेट्रो के सात भूमिगत स्टेशनों का निर्माण होगा
- 30 किमी करीब लंबा मेट्रो ट्रैक होगा
- 14 किमी सिकंदरा तिराहा से ताज पूर्वी गेट तक पहले कॉरिडोर की लंबाई
- 16 किमी आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से काङ्क्षलदी विहार तक दूसरे कॉरिडोर की लंबाई
- 22.5 किमी लंबा एलीवेटेड ट्रैक होगा
- 7.5 किमी लंबा भूमिगत ट्रैक होगा
- 27 टोटल मेट्रो ट्रैक पर स्टेशन
- 20 एलीवेटेड
- 7 अंडरग्राउंड स्टेशन
- दो मिनट में एक किमी का सफर तय करेगी मेट्रो