आगरा। ताज महोत्सव में देशभर से शिल्पी आए हुए हैैं। इस बार शिल्पियों के लिए ताज महोत्सव के आयोजन स्थल शिल्पग्राम में 375 दुकानें बनाई गई हैैं। इस बार शिल्पग्राम में देशभर के विभिन्न शिल्पियों को आमंत्रित किया गया है। इस बार महोत्सव में दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, वेस्ट बंगाल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा से शिल्पी आए हुए हैैं।
शिल्पग्राम में इस बार शिल्पियों द्वारा निर्मित सहारनपुर का वुड क्राफ्ट, कश्मीर का सूट एवं पश्मीना शॉल, फरीदाबाद का टेराकोट, पश्चिम बंगाल की कान्था साड़ी, वाराणसी की सिल्क साड़ी, बिहार का सिल्क वस्त्र, भदोही का कारपेट मिल रही है। लखनऊ का चिकन वस्त्र, आंध्र प्रदेश का क्रोशिया तथा सिल्क वस्त्र, बागपत का हैैंडलूम, प्रतापगढ़ का आंवला उत्पाद, असम का केन फर्नीचर, गुजरात का सूट एवं शॉल, खुर्जा की पॉटरी, हाथरस की ग्लासवीट ज्वैलरी, पिलखुआ का चादर एवं पंजाब की फुलकारी आदि ताज महोत्सव में आने वाले लोगों को आकर्षित कर रही हैैं।
हाथ से अचार और पापड़ बनाती हैं महिलाएं
बीकानेर से आए किशन लाल ने बताया कि उनके यहां पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने हाथों मसाले, पापड़-अचार, भुजिया इत्यादि बनाती हैैं। उनकी संस्था राजस्थानी खादी ग्रामोद्योग द्वारा प्रमाणित इकाई है। उन्होंने बताया कि वे राजस्थानी विशेष अचार के मसाले बनाती हैैं। वे विभिन्न स्वादों के पापड़ भी बनाती हैैं जो केवल बीकानेर में ही मिलते हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां पर एक ऐसा पापड़ भी है जिसमें तीन तरह का स्वाद है।
लखनऊ की चिकनकारी आ रही पसंद
ताज महोत्सव में इस बार लखनऊ की चिकनकारी को काफी पसंद किया जा रहा है। महिलाएं गर्मियों को लिए चिकनकारी की कुर्ती खरीद रही हैैं। लखनऊ से आए निर्मला चिकन हैैंडीक्राफ्ट के ओनर और शिल्पी अजय अग्रवाल ने बताया कि वे देशभर में लखनऊ की चिकनकारी को पहुंचा रहे हैैं। वे ताज महोत्सव में भी अपने उत्पादों को आगरा के लोगों तक पहुंचाने के लिए आए हैैं। उन्होंने बताया कि यहां पर लखनऊ की चिकनकारी को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके यहां पर 450 रुपए से लेकर एक लाख रूपए तक की कुर्ती उपलब्ध है।
मुख्य सचिव ने खरीदे मिट्टïी के उत्पाद
मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने शिल्पग्राम में मंच की ओर आने से पहले शिल्पियों की स्टॉल का भी मुआयना किया। उन्होंने यहां पर देशभर से आए शिल्पियों के स्टॉलों पर आकर उनके उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक स्टॉल पर मिट्टïी की उत्पाद भी खरीदे। उन्होंने मिट्टïी के तवे के साथ-साथ अन्य चीजें खरीदीं।
हम बीकानेर से यहां पर आए हैैं। समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए विशेष अचार-पापड़ और मसाले सेल कर रहे हैैं।
-किशनलाल,
लखनऊ से आए हैैं और लखनऊ की चिकनकारी के उत्पाद सेल कर रहे हैैं। काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
-अजय अग्रवाल, शिल्पी