आगरा (ब्यूरो)। इससे पहले परम पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू संग विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी व आगरा के प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारीलाल गोयल पेंट वालों ने दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया।
कवियों को भेंट किए तुलसी का पौधा
वहीं कवियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए तुलसी का पौधा भेंट कर सम्मानित किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश की जानी मानी कवयित्री अनामिका अंबर की इन पंक्तियों पर समूचा पंडाल तालियों से गूंज उठा। जो भूमि देवताओं की परम पावन विरासत है। जहां सत्यम, शिवम और सुंदरम हर क्षण महूरत है। धरम, सत्कर्म, संस्कृति, सभ्यता, कर्तव्य का मंदिर। हमें है गर्व जिस पर वो हमारा देश भारत है सुप्रसिद्ध कवि जानी बैरागी की हास्य-व्यंग्य से ओत प्रोत टिप्पणियों, क्षणिकाओं और भाव-भंगिमाओं ने सबको लोटपोट कर दिया। ओज के सशक्त हस्ताक्षर मनवीर मधुर की इन पंक्तियों पर सब वाह वाह कर उठे। राम कृपा यदि हो जाए तो हृदय पुष्प खिल जाता है। घोर कष्ट भी हो जीवन में तो हंसकर झिल जाता है। पूरे मन से चाहा हो तो फिर दुश्मन का देश सही। राम भक्त को लंका में भी रामभक्त मिल जाता है।
रूप चिलमन से अलग मत करना। प्यार धड़कन से अलग मत करना
सुप्रसिद्ध कवि सौरभ जैन सुमन ने ओजपूर्ण संचालन और इतिहास कविता से सबका रोम-रोम स्पंदित कर दिया। आगरा के कवि कुमार ललित की इन पंक्तियों को भी सबका आशीर्वाद मिला। रूप चिलमन से अलग मत करना। प्यार धड़कन से अलग मत करना। घर में मंदिर की जगह पर रखना। मां को आंगन से अलग मत करना। कवि सम्मेलन के बाद विनय गोस्वामी के निर्देशन में बांसुरी संस्था के कलाकारों ने बागों में झूला झूलें रे बांके बिहारीऔर आज बिरज में होरी रे रसिया। जैसे गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा समां बांध दिया। आरंभिक सत्र का संचालन ट्रस्टी मयंक वैद्य ने किया। इस दौरान विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और आगरा के प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारीलाल गोयल पेंट वाले, मुख्य यजमान सुधांशु द्विवेदी, श्रेतिमा द्विवेदी, अंबरीश शर्मा (गुड्डू भैया), राजवीर सिंह, महेश यादव, अनुराग यादव, ओपी भाई और नवल यादव प्रमुख रूप से मौजूद रहे।