प्रोजेक्ट के लिए कटने वाले पेड़ों की स्थिति देखी
आगरा। आगरा में कोई भी निर्माण सुप्रीम कोर्ट की बगैर अनुमति के संभव नहीं है। फिर चाहे मेट्रो ही क्यों न हो। मेट्रो कारपोरेशन लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट को अपने कार्य से संबंधित रिपोर्ट सौंपी थी। मेट्रो के कार्यो से पर्यावरण को कोई नुकसान तो नहीं पहुंच रहा है, अगर पहुंच भी रहा है तो उसकी भरपाई कैसे होगी? आदि विषयों पर जांच पड़ताल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी बुधवार को आगरा पहुंची। मेट्रो के दोनों कॉरीडोरों का निरीक्षण किया।
कैसे की जाएगी भरपाई
मेट्रो के लिए हरियाली की भेंट तो चढ़ाई जाएगी। लेकिन इसकी भरपाई कैसे होगी। ऐसे प्वाइंटों का सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने निरीक्षण किया। जिन स्थानों से मेट्रो गुजरेगी, उन सभी स्थानों का निरीक्षण किया। पहले और दूसरे कॉरीडोर के निर्माण में कितने पेड़ आ रहे हैं। जितने पेड़ काटे जाएंगे, उनकी भरपाई के लिए कहां पर पौधे रोपे जाएंगे। उन प्वाइंटों को चेक भी किया। देवरी रोड के पास पौधे रोपे जाने हैं, वहां का भी निरीक्षण किया।
तीन सदस्यीय है कमेटी
मेट्रो द्वारा दी गई रिपोर्ट की हकीकत जानने के लिए तीन सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है। गुरुवार को पहुंची टीम में केवल दो ही सदस्य मौजूद थे। उनके साथ मेट्रो के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।
डिपो का भी किया निरीक्षण
पीएसी और कालिंदी विहार में मेट्रो का डिपो भी बनेगा। डिपो कितने क्षेत्र में बनेगा। कितने पेड़ काटे जाने हैं। इनकी भरपाई कहां होगी का भी जायजा लिया।
ये हैं दो कॉरीडोर
- सिकंदरा से ताज इस्ट गेट
- आगरा कैंट से कालिंदी विहार
रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगा काम
सुप्रीम कोर्ट की आई कमेटी जब सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी, तभी मेट्रो निर्माण की प्रक्रिया पर कुछ संभव हो सकेगा।