-कहीं पानी तो कहीं खुली छत में लग रहीं क्लास
-प्रशासन के अलर्ट के बाद भी नहीं मिल रही राहत
आगरा। एक तरफ तो शासन-प्रशासन द्वारा शीतलहर और भारी बारिश की आशंका को लेकर लोगों से अलर्ट रहने की एडवाइजरी जारी की गई है तो वहीं शीतलहर में खुले आसमान के नीचे नौनिहाल पढ़ने को मजबूर हैं। मामला जगदीशपुरा स्थित नारायणी बिल्डिंग के पास चल रहे पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है। यहां स्कूल के नाम पर मात्र एक कोठरी है, जिसमें एमडीएम का खाना बनाने के लिए सिलेंडर और गैस चूल्हा रखा गया है। बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ते हैं। शुक्रवार को खराब मौसम के बाद भी बच्चे कड़कती ठंड में पढ़ते देखे गए। मामला संज्ञान में आने के बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई ठोस उपाय नहीं किए गए।
खुले में लग रही क्लास
जगदीशपुरा स्थित नारायणी बिल्डिंग में चल रहे पूर्व माध्यमिक विद्यालय का मामला नया नहीं है। पिछले एक दशक से स्कूल की हेड द्वारा शासन-प्रशासनिक अधिक ारियों को स्कूल के लिए बिल्डिंग मांग पत्र द्वारा की जाती रही है। लेकिन, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं की गई है। इससे स्कूल जाने वाले बच्चे शीतलहर में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। टीचर्स द्वारा कभी-कभी अलाव जगाकर बच्चों को ठंड से बचाने का प्रयास किया जाता है। शुक्रवार को आई नेक्स्ट की टीम जब यहां पहुंची तो बच्चों को ठीक से पढ़ने के लिए भी जगह न थी। गुरुवार को बारिश के कारण पूरा परिसर गीला था। बच्चों को फिर भी किसी तरह से पढ़ाया गया।
कई स्कूलों में भरा पानी, खड़े रहे स्टूडेंट्स
जगदीशपुरा में चल रहे स्कूल के अलावा शहर के कई स्कूलों में भी पानी भरने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रही। बल्केश्वर, विजय नगर कॉलोनी स्थित स्कूलों में भी बरसात का पानी शुक्रवार तक भरा रहा। सुबह शीतलहर और कड़ाके की सर्दी के बाद अधिकांश बच्चे नदारद नजर आए। ऐसे बच्चे जो समय के साथ स्कूल पहुंच गए, वह बारिश की नमी के चलते स्कूल परिसर में खड़े दिखाई। वहीं शिक्षिका भी बैठने के इंतजाम में जुटी रहीं।
जर्जर स्कूलों की है जानकारी
शहर और देहात में जर्जर स्कूलों की जानकारी शिक्षक नेता राजीव वर्मा द्वारा जिला प्रशासन को दी गई थी। इस सबंध में जिलाधिकारी द्वारा जर्जर स्कूलों को सुधारने का आश्वासन दिया गया लेकिन इसके बाद भी एक भी स्कूल की स्थिति को सुधारने पर विचार नहीं किया गया।
जर्जर स्कूलों के विषय में शासन को जानकारी दी गई है, इस संबंध में एक रिमाइंडर भी भेजा गया है। जल्द ही जर्जर स्कूलों को बेहतर करने के प्रयास किए जाएंगे।
राजीव कुमार यादव, बीएसए