आगरा(ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी के लेखाविभाग में जनवरी से अक्टूबर तक किए गए घोटाले का रिकॉर्ड डाक्यूमेंट में साक्ष्य के रूप मेें हैं। इस संबंध मेें भ्रष्टाचार की जांच कर रही एसटीएफ को उन दस्तावेज से छेड़खानी का डर बना है। ऐसे में एक्टिव एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी से जुटाए साक्ष्य की हार्डकॉपी तैयार की है, अगर, कोई कर्मचारी या अधिकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ करता है तो उसे जांच में शामिल किया जाएगा।
कभी हो सकती है प्रो। पाठक की गिरफ्तारी
कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। पाठक लापता बताए जा रहे हैं, वहीं सूत्रों का कहना है कि उनकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। यूनिवर्सिटी में साक्ष्य जुटाने का कार्य कर रही एसटीएफ के हाथ प्रो। विनय पाठक के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिले हैं। कार्यालय से जब्त किए दस्तावेज और साक्ष्यों को लखनऊ भेजा गया है।
पटल पर अभी जमे कर्मचारी
डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में प्रो। विनय पाठक के समय में करोड़ों रुपए के कार्यों और योजनाओं को अंजाम दिया गया, ऐसे में आदेश का पालन करने वाले कर्मचारी और अधिकारी जिन्होंने अपनी कलम से आदेश मिलने के बाद घोटाले में सहयोग किया था, वे अभी भी उन्हीं पदों पर काबिज हैं।
जांच से प्रभावित हो रहा कार्य
यूनिवर्सिटी मेें रोजाना छात्र अपनी समस्याओं को लेकर कार्यालय में पहुंच रहे हैं, लेकिन उनको मायूष होकर लौटना पड़ रहा है। क्योंकि कर्मचारी और अधिकारी अपने पटलों पर नहीं मिलते हैं, वहीं डाक्यूमेंट भी जांच टीम के पास होने का हवाला दिया जा रहा है। वहीं एजेंसी से भी मार्कशीट भी यूनिवर्सिटी नहीं भेजी जा रही हैं।