अखिल कुमार
आगरा(ब्यूरो)। दुनियाभर से आने वाले सैलानियों के लिए ताजमहल का अप्रतिम सौंदर्य और उसकी पच्चीकारी आकर्षण का केंद्र रहती है। दिव्यांग पर्यटक मुख्य मकबरे पर ऊपर जाने को कोई सुविधा नहीं होने की वजह से इसका दीदार ही नहीं कर पाते हैं। अमेरिकी पर्यटक एडम वॉकर के एक ट््वीट के बाद स्मारक में दिव्यांग पर्यटकों के लिए मुख्य मकबरे पर ऊपर जाने को सुविधा उपलब्ध कराने की मांग उठ रही है। बता दें कि गत 4 जनवरी को अमेरिका के न्यूयार्क शहर से टूरिस्ट एडम वॉकर सपरिवार ताजमहल का दीदार करने आए थे। इंटरनेशनल डाटा कंपनी में इंजीनियर एडम की वाइफ इंडियन हैं और केरल की रहने वाली है। वह 4 जनवरी को पत्नी, साले और सलहज के साथ ताजमहल देखने आए थे। एडम की सलहज दिव्यांग है, इसलिए उन्हें परिवार व्हील चेयर से लेकर ताजमहल पहुंचा। दिव्यांग रिश्तेदार को एडम अपने साले की मदद से गोद में लेकर सीढिय़ां चढ़कर ताजमहल के मुख्य मकबरे तक ले गए।


ट्वीट कर जताया दुख
अमेरिकी टूरिस्ट ने 3 जनवरी को फतेहपुर सीकरी का दीदार किया। 4 जनवरी को परिवार के साथ ताजमहल पहुंचा। टूरिस्ट ने फतेहपुर सीकरी और ताजमहल विजिट के खूबसूरत पिक्स ट्विटर पर शेयर किए। वहीं, 6 जनवरी को एक और ट्वीट में एडम ने ताजमहल पर हुई असुविधा का जिक्र किया है। जिसमें उन्होंने मुख्य मकबरे तक व्हील चेयर के न पहुंच पाने पर सवाल खड़ा किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि 'विश्व के टॉप मॉन्यूमेंट में से एक ताजमहल तक दिव्यांगों के पहुंचने के लिए व्हील चेयर ले जाने का बंदोबस्त क्यों नहीं है? मेरे साले को मेरी दिव्यांग भाभी को 22 सीढिय़ों पर गोद में लेकर चढ़ाना और उतारना पड़ा। यह न केवल अशोभनीय है, बल्कि सर्वथा खतरनाक भी है। यह 2023 है! कमेंट के साथ ट्वीट को एडम ने यूनेस्को और इंडियाएटयूनेस्को को टैग किया है। दो पिक्स और एक वीडियो के साथ शेयर इस ट्वीट पर विश्वभर से तरह-तरह के कमेंट्स आ रहे हैं। वहीं, वीडियो को 50 हजार से अधिक लोगों ने देख लिया है।

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नेशनल चैंबर ने लिया पत्र
नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर ङ्क्षसह को पत्र लिखकर ताजमहल में दिव्यांग पर्यटक के लिए उचित व्यवस्था कराने की मांग की है। चैंबर अध्यक्ष शलभ शर्मा ने कहा कि ताजमहल दुनिया भर में शहर की पहचान है। विदेशी पर्यटक द्वारा व्यवस्था के संबंध में इस तरह की नकारात्मक प्रक्रिया अत्यंत गंभीर है। चैंबर के पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल और होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से दिव्यांग पर्यटकों को मुख्य मकबरे के ऊपर जाने को सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
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ताजमहल यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। हम स्मारक के स्वरूप में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं कर सकते हैं। मुख्य मकबरे पर ऊपर जाने को अस्थायी रैंप बनाने से पर्यटकों के लिए स्मारक का व्यू भी खराब होगा।
-डॉ। राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद्

जहां संभव, वहां बनी हैं रैंप
ताजमहल व अन्य स्मारकों में जहां संभव हो सकता है, वहां दिव्यांग पर्यटकों के लिए रैंप बनी हुई हैं। वीडियो प्लेटफार्म व चमेली फर्श पर दिव्यांग पर्यटकों को व्हीलचेयर पर ले जाने के लिए रैंप बनी हुई है।

संभव नहीं मुख्य मकबरे पर रैंप बनना
मुख्य मकबरे पर रैंप का निर्माण संभव नहीं है। एएसआइ के विशेषज्ञों के अनुसार एक फीट ऊंचाई के लिए 10 फीट से अधिक लंबी रैंप बनानी होती है। मुख्य मकबरा चमेली फर्श से 22 फीट ऊंचा है। इसके लिए 220 फीट से लंबी रैंप बनानी होगी। इतनी लंबी अस्थायी रैंप बनाने पर व्यू खराब होगा।