आगरा(ब्यूरो)। अगर किसी बच्चे का बर्थ हॉस्पिटल में होता है, हॉस्पिटल नगर निगम या स्थानीय निकाय में रजिस्टर्ड है तो ऑनलाइन आवेदन के जरिए 21 दिन के अंदर सर्टिफिकेट जारी हो जाता है। यही प्रक्रिया डेथ में भी है। अगर किसी की डेथ हॉस्पिटल में होती है तो सर्टिफिकेट जारी हो जाता है। इसमें ऑनलाइन अप्लाई करने की जिम्मेदारी हॉस्पिटल की होती है। यदि किसी हॉस्पिटल ने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया नहीं की है। 21 दिन के अंदर आवेदन नहीं किया या फिर किसी का बर्थ और डेथ घर पर हुई है, तो लंबी प्रक्रिया का पालन करना होगा। नगर निगम से लेकर अन्य विभागों के चक्कर लगाने होंगे।

मजिस्ट्रेट के ऑर्डर से बनेगा
आवेदन करने के दौरान कई तरह के सर्टिफिकेट लगाने होंगे। इसके बाद सीएमओ या मजिस्ट्रेट के ऑर्डर के लिए फाइल उनके ऑफिस जाएगी। वहां से सीएमओ या मजिस्ट्रेट उस फाइल पर जांच के आदेश करेगा। जांच होने के बाद नगर निगम या संबंधित स्थानीय निकाय का अधिकारी जांच रिपोर्ट के साथ फाइल को दोबारा से सीएमओ या संबंधित मजिस्ट्रेट के यहां भेजेगा। तब उस पर संबंधित सीएमओ या मजिस्ट्रेट सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश करेगा। इसके बाद नगर निगम से सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कई दिन लग सकते हैं।

बर्थ सर्टिफिकेट के लिए डॉक्यूमेंट
21 के अंदर जन्म प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- माता, पिता और बच्चे का फोटो और आधार कार्ड की प्रति
- हॉस्पिटल की प्रमाणित मूल रसीद
- दो गवाहों को आधार कार्ड की छायाप्रति

एक महीने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- प्रार्थना पत्र
- माता, पिता और बच्चे की फोटो और आधार कार्ड की छाया प्रति
- हास्पिटल की प्रमाणित रसीद की मूल प्रति
- शपथ पत्र
- सीएमओ का ऑर्डर
- दो गवाहों की आधार की कार्ड की फोटोकॉपी

एक वर्ष बाद बर्थ सर्टिफिकेट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- प्रार्थना पत्र
- माता, पिता और बच्चे की फोटो और आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- विद्यालय के प्रमाण पत्रों की स्कूल से प्रमाणित फोटोकॉपी
- मजिस्ट्रेट के ऑर्डर के साथ शपथ पत्र
- दो गवाहों के शपथ पत्र
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी

हॉस्पिटल वाले बर्थ सर्टिफिकेट (जो आनलाइन नहीं हैं) के लिए दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- माता, पिता और बच्चे की फोटो और आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- स्कूल के प्रमाण पत्रों की स्कूल से प्रमाणित फोटोकॉपी
- मजिस्ट्रेट के आर्डर के साथ शपथ पत्र
- दो गवाहों को शपथ पत्र
- दो गवाहों के आधार कार्ड की छाया प्रति

मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज
21 के अंदर के जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- आवेदक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मृतक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- दाह संस्कार की मूल रसीद
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी

एक माह के बाद जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- आवेदक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मृतक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- दाह संस्कार की मूल रसीद
- शपथ पत्र
- सीएमओ के ऑर्डर
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी

एक वर्ष बाद प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज
- प्रार्थना पत्र
- आवेदक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मृतक का फोटो, आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- दाह संस्कार की मूल रसीद
- शपथ पत्र
- मजिस्ट्रेट के आर्डर साथ शपथ पत्र
- दो गवाहों के शपथ पत्र
- दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी

प्रवेश के लिए बनवाते हैं जन्म प्रमाण पत्र
आजकल कान्वेंट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के चलन बढ़ गया है। इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए एक निश्चित आयु का नियम लागू कर दिया गया है। इसके लिए अभिभावक बच्चे के जन्म घर पर दर्शा कर ऐसी तिथि का प्रमाण पत्र जारी कराना चाहते हैं। ऐसे अभिभावकों के लिए प्रमाण पत्र जारी कराना आसान नहीं होगा। दरअसल पहले मजिस्ट्रेट के आर्डर के नाम पर केवल शपथ पत्र पर ही आदेश हो जाते थे लेकिन अब जांच के बाद ही प्रमाण पत्र जारी करने का आर्डर दिया जाता है। ऐसे अभिभावक जो ऐन व1त पर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते थे उन्हें चक्कर लगाने पड़ जाएंगे।

पांच साल का रिकॉर्ड है गायब
नगर निगम ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की व्यवस्था को भी जोन कार्यालयों के हवाले कर दिया है। लोहामंडी, छत्ता, ताजगंज और हरीपर्वत जोन कार्यालयों से प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था कर दी है। इससे अब नगर निगम में रजिस्ट्रार कार्यालय में भीड़ कम होती है, लेकिन बड़ी परेशानी यह है कि निगम के पास वर्ष 2012-2017 तक के बीच में जारी हुए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं है। सत्यापन नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में जरूरत पडऩे पर आवेदक को दोबारा से आवेदन करता पड़ता है और जांच की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

बर्थ और डेथ का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। 21 दिन के अंदर ही इसके लिए आवेदन करें। इसके बाद आवेदन करने पर सीएमओ या फिर मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ही प्रमाण-पत्र जारी हो सकेगा।
विकास सेन, उप नगर आयुक्त, नगर निगम