आगरा(ब्यूरो)। शहर में रहने वाली एक ग्यारहवीं क्लास की छात्रा ने बताया कि उसके साथ भी सोशल मीडिया के जरिए ठगी हो चुकी है। सोशल मीडिया पर लॉटरी का लालच देकर मनीष शर्मा की आईडी से कॉल किया गया, जिसमें ढाई सौ रुपए के डबल करने का भरोसा दिया गया, लेकिन इसके बाद पांच सौ और फिर सात सौ रुपए की मांग की गई, इस पर किशोरी ने अपने दोस्त से इस पर ऑनलाइन पेमेंट कराया, इसके बाद साइबर फ्रॉड ने उसको ब्लॉक कर दिया, छात्रा मानसिक तनाव में है, वहीं उसका दोस्त भी रुपए वापस मांगने का दबाव बना रहा है। छात्रा ने बताया कि उसके पास ठगी के साक्ष्य भी हैं लेकिन वो पेरेंट्स के डर से कंप्लेन नहीं कर सकती हैं।
नेटवर्क अपग्रेड के नाम पर ठगी
डिजिटल लेनदेन बढऩे के साथ साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर ठग नए-नए तरीके अपना कर लोगों का बैंक अकाउंट मिनटों में खाली कर दे रहे हैं। हाल ही में एक मामला सामने आया है इसमें कमला नगर के रहने वाले दिलीप सिंह से 5 जी नेटवर्क अपग्रेड के मैसेज भेजकर 450 रुपए की ठगी की गर्ईं, पीडि़त ने कम अमाउंट के चलते पुलिस में कंप्लेन नहीं की। पीडि़त ने बताया कि उसको मैसेज के जरिए लिंक भेजा गया था, जिसको क्लिक करते ही उनके खाते से रुपए कट गए और मैसेज आ गया।
अपने मोबाइल फोन को करें अपग्रेड
साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह बताते हैं कि इस तरह के धोखाधड़ी के शिकार न हो इसके लिए जरूरी है कि आप हमेशा सावधान रहें और अपने मोबाइल में कुछ जरूरी बदलाव करें। ऐसा इसलिए कि हम सभी आज बैंकिंग जरूरत को पूरा करने के लिए मोबाइल का ही इस्तेमाल करते हैं। यूपीआई लेनदेन भी मोबाइल के जरिए ही बढ़ा है।
अलर्ट रहकर इन बातों का रखें ध्यान
सॉफ्टवेयर अपडेट की करते रहें जांच
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट पुनीत गुनानी का कहना है कि हर व्यक्ति को अपने मोबाइल के सॉफ्टवेयर अपडेट की नियमित रूप से जांच करनी चाहिए। सॉफ्टवेयर अपडेट रहने पर साइबर ठगी का खतरा कम होता है क्योंकि मोबाइल ज्यादा सेफ रहता है।
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का करें उपयोग
साइबर ठगी से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आप अप-टू-डेट एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं। यह आपको कई तरह के खतरे से बचाने का काम करेगा।
अनवेरिफाइड स्रोतों से एप्स डाउनलोड न करें
कभी भी कोई एप अनवेरिफाइड स्रोत से डाउनलोड नहीं करें। हमेशा एप्पल एप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से ही एप डाउनलोड करें।
फिंगरप्रिंट, बायोमेट्रिक्स का करें इस्तेमाल
अपने मोबाइल को जटिल पासवर्ड, बायोमेट्रिक्स (फेस आईडी, फिंगरप्रिंट) से सुरक्षित रखें। इससे धोखाधड़ी का खतरा कम होगा।
ओटीपी कभी भी शेयर न करें
किसी से भी अपना ओटीपी शेयर न करे। किसी भी अनचाहे ई-मेल, एसएमएस या मैसेज में आए अटेचमेंट को खोलने से बचें। ईमेल, वेबसाइट और अज्ञात ई-मेल भेजने वालों के स्पेलिंग एक बार जरूर चेक कर लें।
दूसरों के मोबाइल का उपयोग न करें
कभी भी व्यक्तिगत या वित्तीय डाटा किसी और के डिवाइस का उपयोग कर इस्तेमाल न करें। यह आपको आसानी से ठगी का शिकार बना सकता है। साइबर सेल की ओर से समय-समय पर लोगों को अवेयर किया जाता है कि वे अजनबी नंबर को फॉलो न करें, वहीं भेजे गए किसी लिंक को क्लिक करने से पहले उसके बारे में जांच कर लें, और ओटीपी बिल्कुल भी शेयर न करें। क्योंकि बैंक कभी भी फोन के जरिए डिटेल नहीं मांगता है।
सुल्तान सिंह, साइबर सेल प्रभारी के लिए कहा गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी प्रभू नारायण सिंह ने टीपी नगर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में कई खामियां उजागर हुईं, क्षेत्र में ठीक से सफाई नहीं हो रही थी। रोड और फुटपाथ पर अतिक्रमण था। नालियां और नाले चोक थे। पार्कों पर कब्जे हो गए थे। इस संबंध डीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्या निस्तारण के आदेश दिए थे लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद आदेश को अमल में नहीं लगा गया। समस्या निराकरण के आदेश फाइलों में दबकर रह गए हैं।